राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों, गेहूं और चने की खरीद जारी है. इसी बीच प्रदेश में दलहन और तिलहन की खरीद के लिए किसानों के रजिस्ट्रेशन की सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है. इस फैसले से प्रदेशभर में एमएसपी पर फसल बेचने वाले हजारों किसानों की संख्या बढ़ जाएगी. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि सरकार के इस फैसले से 23,966 किसानों को चने के लिए और 54732 किसानों को सरसों बेचान पर लाभ मिल सकेगा.
समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद के लिए सेंटरों पर किसानों को फायदा होगा. इसमें चने के लिए 21 जिलों के 116 केन्द्र और सरसों के लिए नौ जिलों के 25 केन्द्रों पर किसानों के रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे. इससे कुल 78,698 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा. इसमें 23,966 किसान चना और 54732 किसान सरसों के शामिल हैं.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 20 मार्च 2023 से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन किए गए. इसमें अब तक एक लाख 41 हजार 104 किसानों ने पंजीयन कराया ह. इसमें 61, 170 किसान सरसों और 79,934 किसानों ने चना बेचान के लिए रजिस्ट्रेश कराया है. साथ ही अब तक 60,868 किसानों को उपज बेचान की तारीख आवंटित कर दी गई है. भारत सरकार से प्राप्त लक्ष्यों के क्रम में सरसों के लिए लगभग छह लाख एवं चना के लिए लगभग दो लाख 63 हजार किसानों का पंजीयन किया जा सकता है.
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बता दें कि इस साल भारत सरकार की ओर से सरसों खरीद के लिए 15.19 लाख मीट्रिक टन और चना खरीद के लिए 6.65 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य स्वीकृत किए गए हैं. वहीं, सरसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये और चने के लिए 5335 रुपये प्रति क्विंटल है.
किसान क्रय केन्द्र/ई-मित्र के माध्यम से आवश्यक दस्तावेजों सहित जिसमें गिरदावरी, बैंक पासबुक, जन-आधार कार्ड के जरए पंजीयन करा सकते हैं. ताकि उन्हें जिन्स तुलाई के लिए प्राथमिकता पर तारीख आवंटित की जा सके.
किसान फसल को सुखाकर तय मात्रा की नमी का साफ-सुथरा कर एफ.ए.क्यू. मापदण्डों के अनुरूप चना-सरसों तुलाई के लिए क्रय केन्द्रों पर लाएं. किसानों की समस्या समाधान के लिये किसान हेल्पलाईन नम्बर 18001806001 भी स्थापित किया हुआ है. इस नंबर पर किसान उपज बेचान संबंधी किसी भी तरह की समस्या के लिए संपर्क कर सकते हैं.
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