Gujarat: ग्रामीण स्तर पर एक मई से शुरू होगा जैविक खेती प्रशिक्षण महा अभियान

Gujarat: ग्रामीण स्तर पर एक मई से शुरू होगा जैविक खेती प्रशिक्षण महा अभियान

एक मई को गुजरात का स्थापना दिवस है. वहीं, राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के 14455-ग्राम पंचायत क्षेत्रों के किसानों को कवर करते हुए राज्यभर में जैविक खेती मुफ्त प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा.

Advertisement
Gujarat: ग्रामीण स्तर पर एक मई से शुरू होगा जैविक खेती प्रशिक्षण महा अभियान ग्रामीण स्तर पर एक मई से शुरू होगा जैविक खेती प्रशिक्षण महा अभियान, सांकेतिक तस्वीर

एक मई को गुजरात का स्थापना दिवस है. वहीं, राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के 14455-ग्राम पंचायत क्षेत्रों के किसानों को कवर करते हुए राज्यभर में मुफ्त प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा. राज्य के सभी गांवों के लिए 10-10 गांवों के कुल 1473 क्लस्टर बनाए गए हैं. वहीं, राज्य सरकार ने जिन किसानों को 'मास्टर ट्रेनर' के रूप में जैविक खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया है, आत्मा-कृषि विभाग के एक विशेषज्ञ प्रतिनिधि के साथ आवंटित दस गांवों में किसानों को जैविक खेती का निःशुल्क प्रशिक्षण देंगे.

राज्य सरकार ने कहा कि गुजरात पूरे देश के लिए एक 'मॉडल' राज्य है. किसान जैविक खेती करें, इसके लिए प्राकृतिक खेती के लिए 'मिशन मोड' पर अभियान शुरू किया गया है. 

प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण महाअभियान

वहीं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सभी जिला कलेक्टरों और जिला विकास अधिकारियों के साथ बैठक की और 1 मई को ग्रामीण स्तर से शुरू होने वाले प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण महाअभियान के बारे में विस्तृत मार्गदर्शन दिया.

प्राकृतिक कृषि प्रणाली आवश्यक

राज्यपाल ने कहा कि डांग जिला पूर्णतः प्राकृतिक कृषि जिला होने के कारण, पूरे प्रदेश को पूर्णतः प्राकृतिक कृषि राज्य बनाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है. किसानों के कल्याण, लोगों के स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती, धरती माता और गाय के संरक्षण के लिए प्राकृतिक कृषि प्रणाली आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें- इंतजार खत्म! अगले महीने शुरू होगी जर्दालु आम की बिक्री, राष्ट्रपति और PM भी चखेंगे स्वाद

जैविक खेती की स्थिति की व्यापक समीक्षा करना आवश्यक

राज्यपाल ने सभी जिलाधिकारियों और जिला विकास अधिकारियों से अधिक सतर्क रहने और प्राकृतिक खेती को लागू करने के लिए काम करने का अनुरोध करते हुए कहा कि सभी जिलों में हर महीने जैविक खेती की स्थिति की व्यापक समीक्षा करना आवश्यक है.

किसान के खेत-वाड़ी का सप्ताह में एक बार करें दौरा

जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज के लिए उचित बाजार मिले, इसके लिए उन्होंने ग्राम स्तर, तालुका स्तर और जिला स्तर पर सप्ताह में दो दिन विशेष बाजार व्यवस्था स्थापित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कलेक्टर-डीडीओ से भी अनुरोध किया कि वे उस जिले में सर्वोत्तम जैविक खेती करने वाले किसान के खेत-वाड़ी का सप्ताह में एक बार दौरा करें.

प्राकृतिक कृषि पद्धति बहुत आवश्यक

पटेल ने कहा कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पांच से पच्चीस साल तक फलदायी हो सकती हैं, लेकिन प्राकृतिक कृषि प्रणालियों की दिशा में राज्य सरकार के प्रयासों से लोगों को पीढ़ियों तक लाभ मिल सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैक टू नेचर का मंत्र दिया है, जिसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति के पास अनेक समस्याओं का समाधान है. आजकल किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं. रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग ने स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ऐसी स्थिति में प्राकृतिक कृषि पद्धति बहुत आवश्यक है.

इसे भी पढ़ें- GM Crops: जीएम फसलों को लेकर शरद पवार के व‍िरोध में उतरा खाद्य तेल व्यापारी महासंघ

कई जिलों के किसान कर रहे हैं जैविक खेती

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव ए.के. राकेश ने बताया कि वर्तमान में गुजरात में 4.32 लाख किसान जैविक खेती कर रहे हैं. राज्य सरकार अब तक 12.36 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दे चुकी है. राज्य सरकार गायों पर आधारित प्राकृतिक खेती करने के लिए गायों को रखने के लिए 186,000 किसानों को प्रति माह 900 रुपये दे रही है. डांग के अलावा, देवभूमि द्वारका, नर्मदा, गिर सोमनाथ और आनंद जिलों में अपेक्षाकृत अधिक किसान जैविक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कलेक्टर-जिला विकास अधिकारियों से इस कार्य में तेजी लाने का अनुरोध किया.

 

 

POST A COMMENT