गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद, चारे की भी किल्लत

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद, चारे की भी किल्लत

यूपी के हापु़ड़ जिले में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. वहीं किसानों को पशुओं के चारे की दिक्कत हो रही है. साथ ही बिजनौर बैराज से छोड़े गए पानी के बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.

खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बादखेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद
देवेंद्र कुमार शर्मा
  • Hapur,
  • Aug 08, 2025,
  • Updated Aug 08, 2025, 12:12 PM IST

उत्तर प्रदेश के हापु़ड़ जिले में तीर्थनगरी ब्रजघाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही बिजनौर बैराज से छोड़े गए पानी के बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. बाढ़ संभावित खादर क्षेत्र में गांव के रास्तों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिससे किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. वहीं किसानों को पशुओं के चारे की दिक्कत हो रही है.

स्थिति को लगातार किया जा रहा मॉनिटर 

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हापुड़ के डीएम अभिषेक पांडेय और एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने देर रात खादर क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं और लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है. जिला प्रशासन की टीमें हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव कार्यों को करने के लिए तैयार हैं. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है और सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.

ग्रामीणों को सावधान रहने की सलाह

जिलाधिकारी अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि गंगा से सटे गांव लठीरा और मढ़ैया आदि में गंगा का पानी निचले इलाकों में घुस गया है. ऐसे में उन्होंने ग्रामीणों को सावधान किया है कि वह पशुओं के चारे और फसल के लिए न तो खुद जंगलों और खेतों में जाएं और न ही अपने पशुओं को वहां जाने दें. डीएम ने बताया कि उनके और SP के द्वारा देर रात गंगा से सटे खादर के इलाकों का निरीक्षण किया गया था. निरीक्षण के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.

ग्रामीणों के लिए की जा रही व्यवस्थाएं

साथ ही ग्रामीणों के पशुओं के लिए चारे, मेडिकल और अन्य सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली हैं. ऐसे में ग्रामीणों को किसी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है. गांवों के निकास द्वार पर बोट का इंतजाम करने के साथ-साथ नाविकों की ड्यूटी लगाई गई है. गंगा का जलस्तर अभी ऊंची आबादी से दूर है, यदि गांव में गंगा का जल प्रवेश करता भी है, तो ग्रामीणों को किसी तरह से घबराने की आवश्यकता नहीं है. वह कंट्रोल रूम पर संपर्क कर प्रशासनिक टीम की मदद ले सकते हैं.

किसानों का आरोप, नहीं आई प्रशासन

लठीरा गांव के ग्रामीण सतपाल गौतम ने बताया कि गंगा का जल गांवों में आने की वजह से किसानों का काफी नुकसान हुआ है. पशुओं के चारे के साथ-साथ किसानों की फसल भी पूरी तरह से जलमग्न हुई हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से कोई राहत मिलना तो दूर, अभी यहां गांव में कोई निरीक्षण के लिए भी नहीं आया है. एक दूसरे ग्रामीण बसंता यादव ने बताया कि गांव में गंगा का पानी भर गया है, जिसके कारण पशुओं को चारा नहीं मिल रहा है. वहीं, प्रशासन की तरफ से कोई भी यहां नहीं पहुंचा है.

MORE NEWS

Read more!