महाराष्ट्र में किसान एक तरफ मौसम की मार झेल रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. किसान कपास और प्याज की कम कीमतों को लेकर पहले ही चिंतित थे. अब राज्य के किसान सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर परेशानी में है. राज्य में सोयाबीन की कीमतों भारी गिरावट आई है. पिछले हफ्ते सोयाबीन का दाम 4500 से लेकर 5000 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा था. लेकिन, राज्य की कई मंडियों में शनिवार से क़ीमतों में 2000 हज़ार की गिरावट देखी जा रही हैं. बहुत से मंडियों में सोयाबीन का दाम 3000 से लेकर 4000 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है. वहीं पैठण मंडी में तो सिर्फ 1900 प्रति क्विंटल भाव रह गया है, जो सोयाबीन के MSP से नीचे है. सोयाबीन का MSP 4300 रुपये क्विंटल है.
इस समय किसान मंडियों में उपज बिक्री के लिए नहीं ला रहे हैं. आवक कम होने के बावजूद कीमतों में गिरावट जारी हैं.
ऐसे में किसान डरे हुए है कि आगे क्या होगा. वहीं कृषि सलाकार किसानों को थोड़ा- थोड़ा कर उपज बेचने की सलाह दे रहे हैं.
किसानों का कहना है कि मंडियों में सोयाबीन का भाव 3000 से लेकर 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रहा है, जबकि सोयाबीन की खेती करने की लागत काफी बढ़ गई है. खाद, बीज, कीटनाशक, श्रमिक और खेत की तैयारी में सब मिलकर प्रति एकड़ 18 से 20 हज़ार तक का खर्च आता हैं. ऐसे में हमारा गुजरा कैसे हो पाएगा. किसानों का कहना कि इस भाव मेंं लागत भी ठीक से नहीं निकल पाती है. किसान नितिन राव का कहना है कि अगर किसानों को सोयाबीन का दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा तब जा कर हम अपना लागत मूल्य निकाल पाएंगे.
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किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने सोयाबीन का एमएसपी 4300 तय किया है. लेकिन, इससे हमें कोई लाभ नहीं हो रहा हैं. किसान का कहना है कि इस दाम से बड़ी आर्थिक मार पड़ रही है. इसलिए किसान सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाने की मांग रहे हैं.वहीं दूसरी तरफ कपास और प्याज़ की गिरती कीमतों से भी किसान संकट में है.
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