महाराष्ट्र में एक तरफ किसान उपज का सही दाम नहीं मिलने से परेशानी में है. वहीं दूसरी तरफ बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान से रबी सीजन की फसल प्रभावित हो रही है. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. धुले में कृषि विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण के अनुसार 250 हेक्टेयर क्षेत्र के रबी सीजन की फसलें बेमौसम बारिश की वजह से खराब हुई है. इससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ हैं. किसानों का कहना हैं कि कृषि और राजस्व विभाग पंचनामा कर जल्द ही मुआवजा दे. जिले के 11 गांवों में 353 किसानों की फसले बर्बाद हुई है.
जिले में बेमौसम बारिश में सबसे ज्यार, गेहूं, चना, मक्का समेत प्याज और फल के बागों का अधिक नुकसान हुआ है.
जिले के किसानों का कहना हैं कि इस साल भारी नुकसान झेलना पड़ा रहा है.किसान गणपत मिसाल ने बताया की बारिश से उनकी 3 एकड़ में ज्यार मक्का की तैयार फसल पानी में डूब गई.
कृषि एवं राजस्व विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण में धुले के 11 गांवों के 232 किसानों को 228 हेक्टेयर में गेहूं और 30 किसानों के 22 हेक्टेयर में मक्का की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है. कृषि और राजस्व विभाग ने इस प्रारंभिक आंकड़ों की घोषणा की है और इसके बढ़ने की भी संभावना जताई है. उनके तरफ से कहा गया की अगले दो दिनों में नुकसान की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी और पंचनामा शुरू कर दिया गया है.
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जिले के किसान कुछ दिन पहले ही गेहूं, चना और मक्का की फसल कटाई कर के रखा था. लेकिन बेमौसम बारिश और प्रकृति की मार से कटी हुई फसलें नष्ट हो गई. नतीजतन, किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है और इस वजह से किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से धुले जिले में ठंड में कमी देखी जा रही है. लेकिन, कोहरे की मात्रा काफी बढ़ गई है. इससे प्याज की फसल पर करपा रोग का प्रकोप बढ़ गया है.
नंदुरबार जिले में भी बेमौसम बारिश से बादल छाए रहने से रबी सीजन की फसलें खराब हुई हैं. जिले में घने कोहरे का असर रबी सीजन की गेहूं और चने की फसल पर पड़ रहा है. चने में एफिड कीट का भारी प्रकोप देखा जा रहा है. दूसरी ओर, गेहूं और ज्वार की फसलों को प्रभावित करने वाले विभिन्न कीटों के कारण किसानों ने रबी फसलों के उत्पादन में भारी गिरावट का अनुमान जताया जा रहा है. लेकिन, जिले में अभी तक बारिश से नुकसान फसलों का पंचनामा शुरू नहीं हुआ है. किसान सरकार से पंचनामा कर नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे है.
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