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महाराष्ट्र में बार‍िश-ओलावृष्ट‍ि ने बढ़ाई क‍िसानों की मुश्क‍िलें, प्याज की फसल पर संकट 

महाराष्ट्र में बार‍िश-ओलावृष्ट‍ि ने बढ़ाई क‍िसानों की मुश्क‍िलें, प्याज की फसल पर संकट 

महाराष्ट्र के जलना जिले न‍िवासी क‍िसान गणपत मिसाल ने बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से फसलों को हुए नुकसान की आपबीती क‍िसान तक के साथ साझा की. उन्होंने बताया कि‍ बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि ने गेहूं, ज्वार और प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचाया है.

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महाराष्ट्र के जालना में बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से खराब हुई ज्वार की फसल. महाराष्ट्र के जालना में बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से खराब हुई ज्वार की फसल.

देश में मौसम ने बीते द‍िन करवट ली है. ज‍िसके तहत कहीं कहीं हल्की बार‍िश तो कहीं ओलावृष्ट‍ि के साथ तेज बार‍िश हुई है. इस बार‍िश ने जहां हर‍ियाणा के क‍िसानों के चेहरों पर मुस्कान लगा दी है. मसलन, फसलों को प्राकृत‍िक स‍िंचाई म‍िल गई है. वहीं इस बार‍िश ने महाराष्ट्र के क‍िसानों की मुश्क‍िलें बढ़ा दी हैं. महाराष्ट्र में बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि से फसलों को नुकसान हुआ है, ज‍िसमें प्याज की फसल को सबसे अध‍िक नुकसान होने की अनुमान है.

असल में बदलते मौसम ने महाराष्ट्र के क‍िसानों की नींद उड़ा दी है. महाराष्ट्र के कई जिलों में ओलावृष्टि के कारण गेंहू ,ज्वार, मक्का और प्याज़ की तैयार फसलों को नुकसान हुआ है. राज्य के अहमदनगर, जालना और अकोला समेत कई जिलों में बारिश से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है. प्याज की फसल को नुकसान ज्यादा होने की आशंका है. क‍िसानों का कहना है क‍ि फसलों पर पानी पड़ते ही उसमें सड़न शुरू हो जाती है.

प्याज की खेती कर रहे क‍िसान परेशान  

इस समय महाराष्ट्र में रबी सीजन के प्याज की फसल तैयार होने वाली है. ऐसे में बार‍िश से सबसे ज्यादा प्याज की खेती करने वाले क‍िसान डरे हुए हैं. जबक‍ि ओलावृष्ट‍ि की वजह से सभी फसलों को नुकसान है. जालना जिले के रहने वाले किसान गणपत मिसाल बताते हैं कि जिले में किसान सबसे ज्यादा गेंहू और ज्वार की खेती करते हैं. ओलावृष्टि के कारण हम किसानों की फसलें नष्ट हो गई हैं. भारी नुकसान हुआ है.

वहीं अहमदनगर जिले में ओलावृष्टि के कारण प्याज की पूरी फसल खराब हो गई है. वहां के किसानों का कहना है कि जिले में ज्यादातर किसानों ने रबी सीजन के प्याज़ की खेती की है. अगले महीने हम प्याज़ की फसल खेत से न‍िकालने वाले थे, लेकिन बारिश और ओलावृष्ट‍ि ने हमारे हाथों से तैयार फसल छीन ली. किसान अब सरकर से मदद की गुहार लगा रहे हैं. 

 

गेहूं की फसल को नुकसान 

किसानों का कहना कि फरवरी में वो गेंहू और प्याज़ की कटाई करने वाले थे लेकिन ओलावृष्ट‍ि और बारिश ने हमारी तैयार फसलों को बर्बाद कर दिया है. ऐसे में हमें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा. गणपत का कहना है कि ओलावृष्ट‍ि से खराब फसल में अब उत्पादन होने की संभावना नहीं है. रबी सीजन की तैयार फसल हाथ से निकलती द‍िख रही है. उन्होंने अपने दो एकड़ जमीन में गेंहू की खेती की खेती की थी और एक एकड़ में ज्वार बोया था. लेक‍िन बार‍िश और ओलावृष्ट‍ि ने मेहनत पर पानी फेर द‍िया. गेहूं की खेती में प्रति एकड़ 15 हज़ार रुपये तक की लागत आई थी.  

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बारिश से महाराष्ट्र में ग‍िरा तापमान 

आईएमडी पुणे के सेवानिवृत्त मौसम विज्ञानी माणिकराव खुले का कहना है क‍ि बुधवार और गुरुवार को भी महाराष्ट्र में बादल छाए रहेंगे. उत्तर में ठंड के कारण मुंबई उपनगर और ठाणे में इस समय अधिकतम और न्यूनतम तापमान में औसत से 2-3 डिग्री की गिरावट दर्ज की जा रही है और इसी वजह से ठंड महसूस की जा रही है.

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