बिहार के कई इलाकों में अच्छी बारिश देखी जा रही है. अभी तक बारिश ठीक नहीं थी, लेकिन अगस्त के तीसरे हफ्ते में बारिश का दौर शुरू हो गया है. इसी के साथ बारिश अच्छी होने से राज्य में धान की रोपनी करीब 90 प्रतिशत तक पूरी हो गई है. सूबे के सबसे बड़े जिलों में शुमार पटना सहित अन्य जिलों में सरकारी लक्ष्य का करीब 90 प्रतिशत धान की रोपनी का काम पूरा हो गया है. इससे किसान काफी खुश हैं. इसके साथ ही जिन इलाकों में धान की खेती नहीं हो पाई है, उन इलाकों में बिहार सरकार आकस्मिक फसल योजना के तहत मक्का सहित अन्य फसलों की खेती कराने के लिए फ्री बीज का वितरण कर रही है.
बिहार सरकार के अनुसार बिचड़ा और फसलों की सिंचाई के लिए 75 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान दिया जा रहा है. वहीं अभी तक 96 हजार 808 किसानों को डीजल अनुदान दिया जा चुका है. आगे भी सभी इच्छुक लोगों को इसका भुगतान किया जाएगा. सरकार का कहना है कि सिंचाई के लिए हर दिन 16 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है.
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राज्य सरकार के द्वारा खरीफ सीजन में धान की खेती का लक्ष्य करीब 36 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया गया है. इसकी तुलना में 15 अगस्त तक 90 प्रतिशत तक यानी करीब 32 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी पूरी हो गई है. इसके साथ ही आने वाले समय में फसलों की सिंचाई के लिए 75 रुपये प्रति लीटर डीजल अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही कृषि कार्यों के लिए बिजली दर को घटाकर 65 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया है, जिससे बिजली से सिंचाई करना लगभग 20 गुना सस्ता हो गया है.
जो किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए हैं, वैसे किसानों के लिए आकस्मिक फसल योजना के तहत कम अवधि की फसलें जैसे मक्का, कुल्थी, उड़द, तोरिया, मटर, भिंडी आदि के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी की जा चुकी है. इन फसलों से किसान अच्छी पैदावार ले सकते हैं.
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अगस्त महीने में हुई बारिश के बाद राज्य के धान बाहुल्य जिलों में रोपनी सरकारी लक्ष्य के करीब 90 प्रतिशत तक पूरी हो गई है. इनमें पटना, मुजफ्फरपुर, कैमूर, रोहतास, भोजपुर, बक्सर सहित अन्य जिले शामिल हैं. वहीं पटना जिले के कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने किसान तक से बातचीत करते हुए बताया कि पटना जिले में धान की खेती का लक्ष्य करीब एक लाख तीस हजार हेक्टेयर के आसपास रखा गया है जिसमें से अभी तक करीब 90 प्रतिशत तक धान की रोपनी हो चुकी है.
वहीं मुजफ्फरपुर के जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार के अनुसार जिले में धान की खेती का लक्ष्य एक लाख 47 हजार 940 हेक्टेयर का है. लेकिन बारिश कम होने की वजह से लक्ष्य का 92 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है. किसानों ने पंपिंग सेट और बिजली मोटर से सिंचाई कर धान के खेत को बचाया है. वहीं अभी तक डीजल अनुदान के लिए कुल 29 हजार आवेदन किसानों की ओर से प्राप्त हुआ है.