Mood Of The Nation: किसानों को मिले MSP की कानूनी गारंटी, सर्वे में 87 फीसदी लोगों की राय 

Mood Of The Nation: किसानों को मिले MSP की कानूनी गारंटी, सर्वे में 87 फीसदी लोगों की राय 

MOTN सर्वे में ज्‍यादातर लोगों का कहना है कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए. लोगों से पूछा गया था कि क्या MSP की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए, इस पर 87 फीसदी लोग मानते हैं हां, जबकि 9 फीसदी लोगों का कहना है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं मिलनी चाहिए. इंडिया टुडे के मूड ऑफ द सर्वे में यह बात सामने आई.

किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के पक्ष में देश के लोग (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर) किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के पक्ष में देश के लोग (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 22, 2024,
  • Updated Aug 22, 2024, 10:56 PM IST

हाल ही में लोकसभा के चुनाव हुए तो अब विधानसभा चुनावों की तैयारी है. जहां लोकसभा चुनावों में विपक्ष का प्रदर्शन जोरदार रहा तो वहीं विधानसभा चुनावों पर भी किसान विरोध प्रदर्शन की छाया पड़ने की आशंका है. किसान विरोध प्रदर्शन के बीच हो रहे चुनावों से पहले न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य यानी MSP का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है. माना जा रहा है कि इस मसले का हरियाणा के विधानसभा चुनावों पर पूरा असर पड़ने की संभावना है. इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे से भी कुछ इसी तरफ इशारा मिलता है.

87 परसेंट लोग एमएसपी के पक्ष में 

इस सर्वे में ज्‍यादातर लोगों का कहना है कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए. लोगों से पूछा गया था कि क्या MSP की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए, इस पर 87 फीसदी लोग मानते हैं हां, जबकि 9 फीसदी लोगों का कहना है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी नहीं मिलनी चाहिए.  इस साल 13 फरवरी से ही किसान अपनी फसल के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग के साथ प्रदर्शन के लिए वापस लौट आए हैं. एमएसपी के अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन की भी मांग कर रहे हैं. 

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क्‍या है एमएसपी 

एमएसपी वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है. यह किसानों को उनकी फसल के लिए कम से कम इनकम सुनिश्चित करता है. साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव के समय सिक्‍योरिटी कवर के तौर पर भी काम करता है. साल 2020-21 में भी जब किसान कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो एमएसपी का भरोसा उनके आंदोलन की एक बड़ी वजहों में शामिल था. 

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पीएम मोदी फिर भी पहली पसंद 

हरियाणा के सबसे बड़े मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो 45 फीसदी लोगों ने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जबकि सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने कहा कि करप्शन बड़ा मुद्दा है. जबकि 14 फीसदी लोगों का कहना है कि महंगाई बड़ा मुद्दा है.  प्रधानमंत्री पद के लिए हरियाणा की 51 फीसदी जनता की पहली पसंद पीएम मोदी बने हुए हैं, जबकि 41 फीसदी जनता की पसंद राहुल गांधी हैं.  

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इस सर्वे के मुताबिक हरियाणा के 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 44 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के काम से असंतुष्ट हैं, जबकि 25 फीसदी लोगों का कहना है कि वह कुछ हद तक सरकार के कामकाज से खुश हैं.  

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सर्वे के मुताबिक हरियाणा में 29 फीसदी लोग सांसदों के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, जबकि 21 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 38 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सांसदों को कामकाज से असंतुष्ट हैं. अगर बात विधायकों के प्रदर्शन की बात करें तो 33 फीसदी जनता MLA के कामकाज से संतुष्ट है, जबकि 20 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 40 फीसदी लोग विधायकों के प्रदर्शन से नाराज हैं.  

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