Wheat Price: एमएसपी से ज्यादा हुई गेहूं की रिजर्व प्राइस, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Wheat Price: एमएसपी से ज्यादा हुई गेहूं की रिजर्व प्राइस, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

Reserve Price: सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत गेहूं, चावल और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमतों में वृद्धि की है. जानिए नई दरें, बिक्री सीमा और किसे कितना फायदा मिलेगा.

Reserve price of grains increasedReserve price of grains increased
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Jun 30, 2025,
  • Updated Jun 30, 2025, 12:13 PM IST

केंद्र सरकार ने कंज्यूमर को सस्ता आटा और चावल उपलब्ध करवाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत बड़े ट्रेडर्स और रोलर फ्लोर मिलर्स को बाजार के मुकाबले सस्ता गेहूं और चावल उपलब्ध करवाया जाएगा. गेहूं, चावल और टूटे चावल की न्यूनतम आरक्षित कीमत (Reserve Price) तय हो चुकी है. गेहूं की बिक्री 2,550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जाएगी, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक है. यह रेट रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 से लागू होगा. चावल का नया भाव 1 अक्टूबर से लागू होगा. तब तक पुराना रेट ही मान्य रहेगा, जो 2,250 रुपये प्रति क्विंटल है.

टूटे चावल और एथेनॉल उत्पादन

टूटे चावल, जो डिस्टिलरियों को एथेनॉल उत्पादन के लिए बेचा जाता है, उसकी की नई दर 2,320 रुपये प्रति क्विंटल होगी (पहले 2,250 रुपये थी). इसकी बिक्री की अधिकतम सीमा 52 लाख टन तय की गई है.

ओएमएसएस के तहत क्यों होती है बिक्री?

खाद्य महंगाई पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार समय-समय पर FCI (भारतीय खाद्य निगम) के गोदामों में मौजूद गेहूं और चावल को खुले बाजार में बेचती है. अभी FCI के पास भरपूर भंडार है:

  • चावल: 37.99 मिलियन टन
  • कच्चा धान: 32.25 मिलियन टन (जिससे लगभग 21.6 मिलियन टन चावल निकलेगा)
  • गेहूं: 36.92 मिलियन टन
  • मोटे अनाज: 0.46 मिलियन टन

भारत ब्रांड चावल की बिक्री

राज्य सरकारों और उनके निगमों को अब चावल 2,320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा (पहले 2,250 रुपये थी). इसकी अधिकतम बिक्री सीमा 32 लाख टन होगी. भारत ब्रांड चावल बेचने वाले केंद्रीय सहकारी संगठनों जैसे NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार को अब चावल 2,480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा (पहले 2,400 रुपये).

निजी व्यापारियों के लिए नई दरें

  • साधारण चावल (25% टूटे हुए): ₹2,890 प्रति क्विंटल (पहले ₹2,800)
  • मिल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के तहत चावल (10% टूटे हुए): ₹3,090 प्रति क्विंटल (पहले ₹3,000)
  • मिल ट्रांसफॉर्मेशन योजना के तहत टूटे चावल: ₹2,320 प्रति क्विंटल (पहले ₹2,250)

मोटे अनाज की आरक्षित कीमतें

CoS ने मोटे अनाजों की निम्नलिखित न्यूनतम आरक्षित कीमतें तय की हैं, जो 30 जून 2026 तक मान्य होंगी:

  • बाजरा (Bajra): 2,775 रुपये प्रति क्विंटल
  • रागी (Ragi): 4,886 रुपये प्रति क्विंटल
  • ज्वार (Jowar): 3,749 रुपये प्रति क्विंटल
  • मक्का (Maize): 2,400 रुपये प्रति क्विंटल

इन कीमतों में परिवहन लागत भी जोड़कर अंतिम बिक्री मूल्य तय किया जाएगा.

स्टॉक का प्रबंधन और इमरजेंसी

FCI यह तय करेगा कि किस समय और कितनी मात्रा में गेहूं और चावल बेचा जाए, ताकि PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के लिए आवश्यक स्टॉक और बफर स्टॉक बना रहे. इसके अलावा, आपात स्थिति के लिए 20 लाख टन गेहूं और 30 लाख टन चावल का अतिरिक्त स्टॉक भी रखा जाएगा.

1 जुलाई से भारत ब्रांड चावल बेचने वाले संगठनों को 200 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता राशि अब नहीं मिलेगी. यह सहायता पहले कीमत स्थिरीकरण फंड से दी जाती थी. सरकार का यह कदम महंगाई नियंत्रण, स्टॉक प्रबंधन और एथेनॉल उत्पादन जैसे उद्देश्यों को संतुलित करने की दिशा में उठाया गया है. इससे किसानों को भी बेहतर दाम मिलेंगे और बाजार में संतुलन बना रहेगा.

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