Animal Diseases: दौड़ने लगी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एंड वेटरनरी रिसर्च काउंसिल की फाइल, जानें क्या है ये

Animal Diseases: दौड़ने लगी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एंड वेटरनरी रिसर्च काउंसिल की फाइल, जानें क्या है ये

Animal Diseases and ICFVR कोरोना, इबोला समेत 75 फीसद ऐसी बीमारी हैं जो पशुओं से इंसानों में होती हैं. पर्यावरण पर भी ये बीमारियां बड़ा असर डाल रही हैं. इसी को देखते हुए इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन (IVA) द्वारा लम्बे वक्त से एम्स की तर्ज पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरी एंड वेटरनरी रिसर्च काउंसिल (ICFVR) की डिमांड की जा रही है. 

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jun 30, 2025,
  • Updated Jun 30, 2025, 12:31 PM IST

Animal Diseases and ICFVR अच्छी खबर ये है कि एम्स की तर्ज पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरी एंड वेटरनरी रिसर्च काउंसिल (ICFVR) की फाइल दौड़ने लगी है. हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की सेक्रेटरी ने इस फाइल के संबंध में एक लैटर सेन्ट्रल फिशरीज डिपार्टमेंट को भेजा है. लम्बे वक्त से ICFVR की डिमांड की जा रही है. इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन (IVA) लगातार इस संबंध में डिमांड कर रहा था. अब मंत्रालय के लेवल पर इस डिमांड के संबंध में हुई कार्रवाई से एक उम्मीद जागी है. इसका बड़ा फायदा देश में पशुपालन और मछली पालन करने वालों को मिलेगा. 

आईवीए के प्रेसिडेंट डॉ. उमेश शर्मा का कहना है कि आज इंसानों की 75 फीसद बीमारियां ऐसी हैं जिनका सीधा संबंध पशुओं से है. पशुओं से इंसानों को होने वाली बीमारियों का नंबर बड़ा है. इन्हें जूनोटिक डिजीज कहा जाता है. इसलिए ये जरूरी है कि एम्स की तरह से ये संस्थान बने औरा जूनोटिक डिजीज पर काम हो. 

डिजीज सर्विलांस सिस्टम को हाईटेक बनाने की भी डिमांड

डॉ. उमेश शर्मा कहना है कि देश में पशुओं पर कई घातक बीमारियां अटैक करती रहती हैं. इसमे पक्षी भी शामिल हैं. पशु-पक्षियों से इंसानों में होने वाली बीमारियों की पूरी एक लम्बी फेहरिस्त है. कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी ही महामारी हैं जो पशु-पक्षियों से इंसानों में आती हैं. उसके लिए जरूरी है कि डिजीज सर्विलांस सिस्टम को और हाईटेक बनाया जाए. ह्यूमन हैल्थ, एनिमल हैल्थ और एनवायरमेंट तीनों का समन्वय करते हुए वन हैल्थ मिशन चलाया जाए. इसके लिए और भी कई तरह के काम किए जा सकते हैं जैसे, 

  • नेशनल और स्टेट लेवल पर महामारी की जांच को संयुक्त टीम हो. 
  • सभी तरह के पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा. 
  • मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम हो. 
  • महामारी फैलने के बारे में चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाया जाए. 
  • नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर काम हो. 
  • भारतीय वातावरण में पल रहे पशुओं को ध्यान में रखते हुए ही सभी तरह की रिसर्चहो.
  • रोग का पता लगाने के समय और संवेदनशीलता में सुधार हो. 
  • जीनोमिक और पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार किए जाएं.

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