केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के निजामाबाद में रविवार को राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया है. उन्होंने इसके साथ ही यहां पर एक किसान महासम्मेलन को भी संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर, विशेषकर तेलंगाना, के हल्दी की खेती करने वाले करोड़ों किसानों की 40 साल पुरानी मांग को पूरा करते हुए राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर के हल्दी की खेती करने वाले किसानों, खासतौर पर तेलंगाना और निजामाबाद, के साथ जो वादा किया था, उसे आज पूरा कर दिया है.
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि निजामाबाद कई दशकों से हल्दी की राजधानी के तौर पर जाना जाता है. यहां के किसान सदियों से हल्दी उगा रहे हैं लेकिन उसे वैश्विक बाजार नहीं मिल रहा है. उनका कहना था कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड बनने से 3-4 साल में ही निजामाबाद की हल्दी दुनिया के अधिकतर देशों में पहुंचेगी. शाह के मुताबिक हल्दी बोर्ड के विधिवत तौर पर काम शुरू करने के बाद हल्दी के किसानों को बिचौलियों से आजादी मिलेगी. राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड, हल्दी की पैकिंग, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट का पूरा चैनल तैयार करेगा.
इसके साथ ही शाह ने हल्दी के फायदे भी गिनाए और कहा कि हल्दी एंटी-वायरल, एंटी-कैंसर और एंटी-इन्फ्लेमेट्री है. साथ ही इसके औषधीय गुणों के कारण इसे दुनियाभर में 'वंडर ड्रग' के तौर पर भी जाना जाता है. शाह ने कहा कि हल्दी एक आश्चर्यजनक दवा है जिसका थोड़ी सी मात्रा में सेवन करने पर ही कई रोग एकसाथ शरीर से खत्म हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि अब ऑर्गेनिक हल्दी का जीआई टैग उत्पादन और जीआई टैग मार्केटिंग भी शुरू कर दी गई है.
अमित शाह के अनुसार भारत सरकार ने 2030 तक एक बिलियन डॉलर मूल्य की हल्दी के निर्यात का लक्ष्य रखा है और इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड किसानों तक हल्दी की ज्यादा से ज्यादा कीमत पहुंचाने का काम करेगा. साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी की खपत को बढ़ाने और संभावित बाजारों में भारत की हल्दी के औषधीय गुणों का प्रचार-प्रसार भी करेगा. इसके अलावा बोर्ड भारतीय हल्दी की गुणवत्ता औऱ विश्वस्तरीय सुरक्षा मानकों के अनुसार पैकिंग की व्यवस्था और किसानों को खेत से किस प्रकार हल्दी निकालनी है, जिससे एक्सपोर्ट में कोई बाधा न आए, इसका प्रशिक्षण औऱ कौशल विकास भी सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि हल्दी के स्वास्थ्यवर्धक गुणों पर भी शोध और अनुसंधान कर हम इसे विश्व के सामने लाने का काम करेंगे.
अमित शाह ने कहा कि तेलंगाना में निजामाबाद, जग्तियाल, निर्मल और कामारेड्डी जिले भारत के टॉप हल्दी उत्पादक जिलों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि साल 2025 में हल्दी के किसानों को हल्दी का 18,000 से 19,000 रूपए प्रति क्विंटल मूल्य मिला है और अगले 3 साल में किसानों को 6000-7000 रूपए ज्यादा कीमत मिल सके, इस तरह की कोशिशें की जाएंगी. शाह ने कहा कि साल 2023-24 में भारत में 3 लाख हेक्टेयर भूमि पर हल्दी की खेती हुई और 10 लाख 74 हजार टन हल्दी का उत्पादन हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक्सपोर्ट करने वाले किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) और ऑर्गेनिक खेती करने वालों के लिए नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) की स्थापना की है. शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने शासन में एक ऐसी संस्कृति विकसित की है जिसके तहत हम जो वायदा करते हैं उसे पूरा करते हैं और इसी तर्ज पर 2023 में किया गया वायदा आज पूरा कर दिया गया है.
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