यूपी की योगी सरकार ने पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाओं को देखते हुए गोरखपुर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय स्थापित करने की पहल की है. सीएम योगी ने बुधवार को इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी DPR का अवलोकन कर इसका निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री आवास में आयोजित समीक्षा बैठक में योगी ने कहा कि पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में शालिहोत्र संहिता जैसे प्राचीन ग्रंथ शोध आदि कार्यों में मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय के निर्माण में ऊर्जा संरक्षण के सभी संभव उपायों को अपनाया जाए. इसके अनुपालन में सरकार ने नेट जीरो एनर्जी के कंसेप्ट पर इस महाविद्यालय का समूचा परिसर विकसित करने का फैसला किया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सीएम योगी ने गोरखपुर में प्रस्तावित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस महाविद्यालय की डीपीआर का अवलोकन करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय मथुरा स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान से सम्बद्ध होगा. इसके स्थापित होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के साथ साथ पड़ोसी देश नेपाल के पशुपालकों को भी इसकी सेवाओं का लाभ मिलेगा.
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बैठक के बाद सरकार की ओर से महाविद्यालय के स्वरूप के बारे में बताया गया कि इसका निर्माण 3 चरणों में होगा. महाविद्यालय के परिसर का निर्माण कराने के लिए गोरखपुर में 80 एकड़ जमीन चिन्हित की जा चुकी है. इसके विशाल परिसर में हॉस्पिटल ब्लॉक, अकादमिक ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर और छात्रावास जैसी मूलभूत सुविधाएं होंगी.
इसके अलावा इसी परिसर में पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी विभिन्न विधाओं के शोध अध्ययन केंद्रों की भी स्थापना की जाएगी. इसमें बड़े पशुओं के लिए भूतल और छोटे के लिए प्रथम तल पर चिकित्सा की व्यवस्था होगी. सीएम योगी ने पोल्ट्री साइंस और डेयरी सेक्टर के अलावा पशु नस्ल सुधार के लिए शोध आदि के लिए भी आवश्यक प्रबगंध करने के निर्देश दिए.
सीएम योगी ने महाविद्यालय परिसर को 'नेट जीरो एनर्जी' के कंसेप्ट पर बनाने की जरूरत पर बल दिया. इसके लिए समूचे महाविद्यालय परिसर में ऊर्जा संरक्षण के सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे. महाविद्यालय की डीपीआर के मुताबिक इसकी वास्तु तकनीक में आधुनिक विज्ञान का उपयोग करते हुए ग्रीन केंपस बनाया जाएगा.
प्रारंभिक चरण में यहां स्नातक स्तर पर 100 छात्रों के प्रवेश की व्यवस्था होगी. महाविद्यालय में स्थापना से लेकर इसमें उपलब्ध होने वाली सेवाओं और सुविधाओं के संबंध में पं.दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा.