UP के कई गांवों में तेजी से फैल रहा रंगीन मछलियों का बिजनेस, आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, जानिए कैसे?

UP के कई गांवों में तेजी से फैल रहा रंगीन मछलियों का बिजनेस, आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं, जानिए कैसे?

UP News: राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो,NBFGR लखनऊ की वरिष्ठ वैज्ञानिक और नोडल अफसर डॉ. पूनम जायंत ने बताया कि लखनऊ समेत आसपास के जिलों में इस कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. हर जिले में महिलाओं का क्लस्टर बनाया जा रहा हैं.

रंगीन मछलियों का पालन करके आप भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं. (Photo-Kisan Tak)रंगीन मछलियों का पालन करके आप भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं. (Photo-Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Feb 28, 2025,
  • Updated Feb 28, 2025, 10:06 AM IST

खेती-बाड़ी, पशुपालन के साथ बड़े पैमाने पर मछली पालन के जरिए किसान अपना जीवनयापन करते हैं. शायद काफी कम लोगों को पता है कि मछली पालन करके लखपति तक बन सकते हैं. इसके लिए किसी बड़ी जगह की जरूरत नहीं पड़ती है. मछली पालन आपने घर के छोटी सी जगह पर भी कर सकते हैं. इसी कड़ी में यूपी के सीतापुर में बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाएं घर में रंगीन मछलियों (Colorfull Fish) को पालकर आमदनी दोगुनी करने का प्रयास कर रही है. कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) सीतापुर के वैज्ञानिक डॉ. दया श्रीवास्तव ने बताया कि मिशन नव शक्ति के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं  को जोड़कर 7 गांवों में रंगीन मछलियों को बढ़ावा दे रहे है, जिससे ग्रामीणों को अच्छी आय मिल रही है.

झोपड़ियों में एक्वेरियम, रंगीन मछली पाल रहे ग्रामीण

उन्होंने बताया कि 500 से 1000 रुपए में मछली पालन शुरू कर सकते हैं.  डॉ. दया बताते हैं कि 70 से अधिक महिलाएं आज जिले में रंगीन मछलियों को कांच के एक्वेरियम में पालकर मोटी कमाई कर रही है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के तरफ से एक्वेरियम और मछलियां उपलब्ध कराई जा रही है. जबकि कुछ महिलाएं घर में गड्ढा खोदकर इन रंगीन मछलियों को पाल रही हैं. उन्होंने बताया कि महज 3 महीने पहले इस योजना को शुरू किया गया है. अभी इनिशियल स्टेज पर इसकी शुरूआत की गई है, आने वाले दिनों में पक्के टैंक और तालाबों के जरिए रंगीन मछलियों को पाला जाएगा. जिससे ग्रामीण महिलाओं की आमदनी बढ़ जाएगी. 

ग्रामीण महिलाओं को बनाया जा रहा हैं आत्मनिर्भर

राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो,NBFGR लखनऊ की वरिष्ठ वैज्ञानिक और नोडल अफसर डॉ. पूनम जायंत ने बताया कि लखनऊ समेत आसपास के जिलों में इस कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाया जा रहा है. हर जिले में महिलाओं का क्लस्टर बनाया जा रहा हैं.

रंगीन मछली पालन की शुरुआत करके महिलाएं बदल रही हैं अपनी किस्मत

इस प्रोग्राम को पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा. जिससे ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके. वहीं संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा महिलाओं को रंगीन मछली पालन और एक्वेरियम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जबकि मछली पालन के लिए छोटी-छोटी बारीकियों को समझना बेहद जरूरी होता है. 

गांवों में रंगीन मछली पालन को बढ़ावा

उन्होंने बताया कि सीतापुर, उन्नाव,मैनपुरी, बाराबंकी, लखनऊ समेत कई जिलों में महिलाओं को रंगीन मछलियों को पालने का प्रशिक्षण और कैंप लगाकर उनको जागरूक किया जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रदेश की लाखों ग्रामीण महिलाएं घर बैठे लाखों रुपये की आय अर्जित कर सकेंगी.

सिर्फ 500 से 1000 रुपए में शुरू करें मछली पालन

डॉ. पूनम ने आगे बताया कि आजकल रंगीन मछलियों की दुकानें शहरों और छोटे कस्बों में तेजी से खुल रही हैं, जिससे लोग इस आकर्षक व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं. रंगीन मछली पालन की शुरुआत करने के लिए यदि 500-1000 रुपये का प्रारंभिक निवेश किया जाए, तो बच्चे देने वाली मछलियों के प्रजनन से सालाना लाखों रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पीएम मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है. रंगीन मछली पालन के लिए लगभग 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है.

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