
भारत में किसान अपने जीवनयापन के लिए खेती के बाद सबसे ज्यादा पशुपालन पर ही निर्भर रहते हैं. यहीं वजह है कि पशुओं को पशुधन कहा जाता है. सरकार की तरफ से भी इसको लेकर किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जाता है. वहीं, खेती-किसानी के अलावा पशुपालन में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में किसान पशुओं के स्वास्थ्य, प्रजनन, आहार प्रबंधन, रिकॉर्ड रखने और सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए कुछ खास मौबाइल ऐप्स की मदद ले सकते हैं. इससे पशुपालकों को घर बैठे सटीक जानकारी मिलेगी. साथ ही इन ऐप की मदद से बीमारी का पता लगाने और इलाज में मदद मिलती है, और दूध उत्पादन और नस्ल सुधार जैसे कामों में सुविधा भी होती है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो ऐप और क्या हैं उनकी खासियत.
पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. इसी क्रम में पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने पशुपालक किसानों के लिए ई-गोपाला ऐप लॉन्च किया था. ई-गोपाला ऐप किसानों और पशुपालकों के लिए काफी काम का है. इस ऐप के जरिए पशुपालकों को तकनीकी जानकारी मिलेगी और इसका लाभ डेयरी किसानों को होगा. इस ऐप से उन्हें अपने स्मार्ट फोन पर कई तरह की जानकारियां मिल जाएंगी. यह ऐप उनकी मदद करने और पशु उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन डिजिटल माध्यम है.
इससे किसानों-पशुपालकों को उच्च कोटि के वीर्य, भ्रूण और पशु की उपलब्धता की जानकारी और उन्हें खरीदने की सुविधा मिलेगी. ई-गोपाला ऐप पर आयुर्वेद पशु चिकित्सा, कम लागत के औषधीय उपचारों की भी जानकारी उपलब्ध है. पशुपालक इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें पशुपालक को अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉगइन करना होगा. इसके बाद 6 विकल्प दिखाई देंगे. मेरा पशु आधार विकल्प में किसान अपने नए, पुराने पशु की जानकारी भी देख सकते हैं. साथ ही नए पशुओं का रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने बदलते परिवेश में पशुधन की देखभाल के लिए कृषि विभाग से एक अलग मोबाइल ऐप तैयार करवाया है. ये मोबाइल पशु परामर्श ऐप है जो अलग-अलग परिस्थितियों में पशुपालकों की मदद करेगा. इसका नाम 'फुले अमृतकाल' पशुसल्ला मोबाइल ऐप है. जिसे महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय के देसी गाय अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र के तहत पशुपालन और डेयरी विज्ञान विभाग द्वारा विकसित किया गया है.
इस ऐप के माध्यम से किसान समय-समय पर जानवरों के गर्मी के तनाव को कम करने के लिए मदद ले सकते हैं. इस ऐप का उपयोग करने के लिए Google Play Store से फुले अमृतकल ऐप डाउनलोड करें. इसके बाद रजिस्टर्ड करें और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें. फिर ओटीपी आने के बाद अपना पता और स्थान दर्ज करें और ऐप खोलें. आप जिस गौशाला या स्थान का चयन करना चाहते हैं उसका स्थान लेने से आपको उस स्थान का तापमान और आर्द्रता मिल जाएगा. इसके जरिए गायों के तनाव को पहचाना जा सकता है और सलाह ली जा सकती है.
इंसानों की तरह पशु भी तमाम तरह की रोगों से ग्रसित होते रहते हैं. अक्सर पशुपालक इन रोगों को पहचान नहीं पाते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के IVRI Disease Control ऐप की सहायता ली जा सकती है. ये ऐप लक्षणों के आधार पर पशुओं में होने वाली बीमारी और उससे बचने के उपाय के बारे में जानकारी देता है. पशुपालक इस ऐप को अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप से आप घर बैठे ही पशुओं में दिख रहे लक्षणों के आधार पर बीमारी के बारे में जान सकते हैं. ये ऐप फिलहाल हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में उपलब्ध है.
पशुपालकों के लिए ये ऐप काफी उपयोगी साबित हो सकता है. दरअसल, पशु थनैला, अफरा/रूमिनल टिम्पेनी, ट्रोमेटिक रेटिकुलो पैरिटोनाइटिस कीटोसिस, दुग्ध ज्वर, रूमिनल, इम्पेशन जैसे कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. इंसानों की तरह पशु अपनी परेशानियां दूसरों से साझा नहीं कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में ये ऐप पशुपालकों को पशुओं को लेकर जागरूक करेगा. जिससे किसान अपने पशुओं को बीमारियों से बचा सकेंगे. इस ऐप में दी जा रही सुविधाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान IVRI के हेल्पलाइन नंबर 05812311111 पर भी कॉल कर सकते हैं.