Cow Farming: गिर, साहिवाल और राठी गाय में क्या अंतर है? इन गायों को पालने के जानिए फायदे

Cow Farming: गिर, साहिवाल और राठी गाय में क्या अंतर है? इन गायों को पालने के जानिए फायदे

भारत में गिर, साहिवाल और राठी गाय प्रमुख देसी नस्लों में शामिल हैं, जिनका पालन दूध उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. हर नस्ल की अपनी अलग पहचान, भौगोलिक उत्पत्ति और उत्पादन क्षमता होती है. ऐसे में आइए जानते हैं इन तीनों गायों में क्या अंतर है.

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Cow Farming: गिर, साहिवाल और राठी गाय में क्या अंतर है? इन गायों को पालने के जानिए फायदेगाय की देसी नस्लें

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के बाद पशुपालन को आमदनी का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है. उसमें भी गौ पालन किसानों और पशुपालकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. गाय से ना सिर्फ दूध, बल्कि खेती के लिए गोबर भी मिलता है जो कि खाद के काम आता है और इसके इस्तेमाल से खेती की लागत में भी कमी आती है, जिस वजह से गाय पालन की ओर हर वर्ग के किसानों का रुझान काफी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन कई बार पशुपालकों के मन में ये सवाल रहता है कि आखिर कौन सी गाय पालें जिससे उन्हें अधिक दूध मिले. ऐसी ही गाय की तीन खास नस्लें हैं जिसे किसान आसानी से पाल सकते हैं, तो आइए जानते हैं गिर, साहिवाल और राठी गाय में क्या अंतर है?

गिर गाय की खासियत

गिर गाय, गाय की एक ऐसी नस्ल है जो रोजाना औसतन 12-20 लीटर तक दूध देती है. वहीं, गिर गाय भारतीय गायों में सबसे बड़ी होती है जो औसतन 5-6 फीट ऊंची होती है. इसका औसत वजन लगभग 400-500 किलोग्राम तक होता है. इसके अलावा, गिर गाय की स्वर्ण कपिला और देवमणि नस्ल सबसे अच्छी नस्लें मानी जाती हैं. गाय की यह देसी नस्ल ज्यादातर गुजरात राज्य में पाई जाती है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में भी पायी जाती है.

गिर गाय गहरे लाल-भूरे और सफेद चमकदार रंग की होती है. इसके कान लंबे होते हैं. माथे में एक उभार होता है. वहीं, सींग पीछे की तरफ मुड़े होते हैं. गिर गाय का आकार मध्यम से लेकर बड़ा होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता सही होने के कारण गिर गाय जल्दी बीमार नहीं पड़ती हैं. वहीं, बात करें इस गाय कि कीमत कि तो किसी भी गाय की कीमत आमतौर पर उम्र, नस्ल और दूध उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाता है. ऐसे में गिर गाय की कीमत भारतीय बाजारों के अनुसार 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है.

साहिवाल गाय की खासियत

साहिवाल गाय भारतीय मूल की एक सबसे दुधारू नस्ल वाली गायों में से एक है. साहिवाल को मौसमी सहनशक्ति, दूध का बढ़िया उत्पादन और अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जाना जाता है. साहिवाल गाय भारत की प्रचंड गर्मी और सूखे जैसे हालातों में भी आराम से रह लेती है. खास बात है कि साहिवाल गाय अपने एक ब्यात में 2200 लीटर से ज्यादा दूध दे सकती है, यानी एक दिन में 10 से 16 लीटर दूध देने की क्षमता वाली गाय है.

साहिवाल गाय को किसान व्यावसायिक रूप से पालन करना अधिक पसंद करते हैं. अगर इस गाय की उत्पत्ति स्थान की बात करें तो पाकिस्तान में साहिवाल जिले से उत्पन्न मानी जाती है. बता दें कि कई दशकों तक साहिवाल गाय सिर्फ पंजाब में ही पाली जाती थी, लेकिन समय के साथ और इस गाय की दूध की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए अब देशभर के किसान पालन कर रहे हैं. वहीं, साहिवाल गाय की कीमत भारत के कुछ राज्यों में 40 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक है. वहीं कुछ राज्यों में गाय की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकती है.

राठी गाय की खासियत

देसी नस्ल के गायों में राठी नस्ल की गाय काफी दुधारू नस्ल मानी जाती है. इस नस्ल की खासियत ये है कि ये देश के किसी भी क्षेत्र में रह लेती है. राठी गाय को 'राजस्थान की कामधेनु' भी कहते हैं. वहीं, राठी नस्ल की गाय प्रतिदिन लगभग 7 से 12 लीटर तक दूध देती है, जबकि, अच्छी देखभाल और खानपान होने पर 18 लीटर तक भी दूध दे सकती है. इसके अलावा, राठी नस्ल के बैल बहुत मेहनती होते हैं. इस नस्ल के बैल उच्च तापमान में भी 10 घंटे तक लगातार काम कर सकते हैं. राठी नस्ल की गायों को ज्यादातर राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर में पाला जाता है. वहीं, गुजरात में भी राठी गायों को बड़ी संख्या में पाला जाता है.

इसके अलावा, राठी नस्ल की गायें भूरे रंग की होती हैं और शरीर पर सफेद धब्बे पाए जाते हैं. हालांकि, वे सफेद धब्बों के साथ पूरी तरह से भूरे या काले रंग की भी पाई जाती हैं. शरीर के निचले हिस्सों का रंग आमतौर पर शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में हल्का होता है. बात करें राठी गाय की कीमत कि तो उसकी दूध देने की क्षमता, उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है. वहीं, देश में राठी गाय की कीमत 20 हजार से 60 हजार रुपये तक है.

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