पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (पीएफआई) की मानें तो पोल्ट्री बिजनेस हर साल आठ से 10 फीसद के रेट से बढ़ रहा है. खासतौर पर कोरोना के बाद से देश-विदेश में अंडे और चिकन की डिमांड बढ़ी है. पोल्ट्री प्रोडक्ट का एक्सपोफर्ट भी हर साल बढ़ रहा है. ब्रॉयलर चिकन का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. देश में हर रोज 22 से 25 करोड़ अंडों की डिमांड होती है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अंडे-चिकन की ये डिमांड अभी और बढ़ सकती है. लेकिन अंडे और चिकन के संबंध में लोगों को कुछ गलतफहमियां हैं.
सोशल मीडिया पर लोग इस मामले में आग मे घी डालने का काम करते हैं. जिन्हें पोल्ट्री की एबीसीडी नहीं पता वो पोल्ट्री ऐग के एक्सपर्ट बन जाते हैं. अगर ये सब परेशानियां दूर हो जाएं तो अंडे-चिकन की डिमांड देश में ही डबल हो सकती है. इस लेकर पोल्ट्री इंडिया एक्सपो-2024 के दौरान खूब चर्चा हुई एक्सपर्ट ने इस बारे में अपने-अपने तर्क रखे. वहीं उनका कहना है कि जल्द ही इस मामले में कड़े कदम उठाय जाएंगे.
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अंडों के इस्तेमाल के बारे पढ़ें
- बाजार में बिकने वाले सफेद अंडे में मुर्गी का चूजा नहीं होता है. अगर इसे मुर्गी के नीचे भी रख दिया जाए तो इसमे से चूजा नहीं निकलेगा.
- अंडे के बारे में कहा जाता है कि ये हॉर्ट से जुड़ी बीमारियों की वजह बनता है. लेकिन विश्व भर में अब तक हुई रिसर्च में अभी तक ये साबित नहीं हो सका है.
- अंडा सुराक्षित है इसीलिए विकसित देशों में अंडों की खपत 300 प्रति व्यक्ति सलाना और भारत में 101 अंडे प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है.
- पोल्ट्री ऐग में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 85 फीसदी होता है. एक्सपर्ट इसे हैल्थ के लिए सामान्य बताते हैं.
- देशी मुर्गियों के अंडों की पौष्टिकता सफेद अंडों की तुलना में ज्यादा बेहतर होती है. फीड में अंतर होने के चलते देशी मुर्गी के अंडे, गहरे पीले रंग की जर्दी वाले होते हैं और उसका स्वाद बहुत ही लजीज होता है.
- अंडे में केलौरी का मान 185 कैलोरी 100 ग्राम है. चावल में 350 कैलोरी 100 ग्राम और खाना पकाने के तेल में 900 कैलोरी प्रति 100 ग्राम से कम है.
- 300 मिलीलीटर की कोल्ड ड्रिंक में दो पोल्ट्री ऐग के मुकाबले ज्यादा कैलोरी होती है.
- न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट कहते हैं कि अंडे के अंदर सब्जियों की तुलना में पोषक तत्वों का सबसे सस्ता सोर्स है. इस वजह से अंडा खाना सब्जियों के खाने से ज्यादा बेहतर है.
- अंडे में किसी भी तरह की मिलावट नहीं हो सकती है, यह पूरी तरह से प्राकृतिक है.
- चिकन (ब्रायलर मुर्गा) में भेड़ और बकरी के मीट की तुलना में कम वसा होता है.
- मोटापे से पीडि़त लोग बिना डरे चिकन खा सकते हैं.
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