Semen Market for AI साइंटीफिक होते पशुपालन में गाय-भैंस को गाभिन कराने का तरीका भी बदल गया है. पशुपालक अब प्राकृतिक गाभिन कराने की जगह कृत्रिम गर्भाधान (AI) को अपनाने लगे हैं. लागत समेत कई एक नहीं कई फायदे हैं. सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि इसके चलते दूध उत्पादन बढ़ता है तो पशुओं की नस्ल में भी सुधार होता है. इसी के चलते पशुपालन में कृत्रिम गर्भाधान के लिए सीमन की डिमांड बढ़ने लगी है. हर एक पशुपालक चाहता है कि अच्छी से अच्छी क्वालिटी का सीमन खरीदकर कृत्रिम गर्भाधान कराया जाए.
अगर आप भी इस नए बढ़ते बाजार में सीमन बेचकर लाखों रुपये कमाना चाहते हैं तो आज से ही ब्रीडर बुल को तैयार करना शुरू कर दें. उसके रहन-सहन, खानपान, हैल्थ और उसकी देखाभाल पर खास ध्यान देना शुरू कर दें. दूसरे देशों में प्रति पशु दूध उत्पादन ज्यादा है, इसी कमी को दूर करने के लिए सरकारें भी कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दे रही है.
ब्रीडर बुल पालते हैं तो ऐसे करें देखभाल
- बाड़ा ऐसा हो जो सांड को सर्दी-गर्मी से बचाया जा सके.
- गर्भाधान का स्थान भैंसों के बाड़े से दूर होना चाहिए.
- सांड का बाड़ा आरामदायक और बड़ा हो, जहां से वो दूसरे पशुओ को भी देख सके.
- गर्भाधान के लिये सांड की उम्र कम से कम ढाई साल और वजन 350 किलोग्राम होना चाहिए.
- कम उम्र के सांड को हफ्ते में दो या तीन बार ही ब्रीडिंग के लिए इस्तेमाल करना चाहिए.
- भैंस पर सांड को केवल एक बार ही कुदाना चाहिए.
- सांड को भैंस पर दो या तीन बार कुदाने की ना कोई जरूरत है और ना ही कोई फायदा.
- दो गर्भाधान के बीच सांड को कम से कम एक दिन का आराम देना चाहिए.
- भैंस को ब्रीडर सांड के पास ले जाने से पहले उसकी योनि को पानी-कपड़े से अच्छी साफ करना चाहिए.
- सांड को संगम कराने से पहले उसे मैथुन के लिए उत्तेजित करना जरूरी होता है.
- उत्तेजित करने के लिऐ सांड को दो-तीन बार भैंस के ऊपर कुदाऐं और तुरंत हटा ले, ताकि संगम न हो सके. इसके बाद ही झोटे और भैस का वास्तविक मिलन कराएं.
- अगर सांड सुस्त है तो भैस दिखाने के बाद उसे दूर ले जाए.
- आसपास ही थोड़ा घुमाने के बाद उसे भैंस पर कुदाएं.
- भैंस के पास कोई दूसरा सांड बांधने से भी दूसरे सांड को उत्तेजना मिलती है.
- भैस पर कुदाते समय सांड के साथ सख्त व्यवहार नहीं करना चाहिए.
- ब्रीडर सांड का भैंस से संगम कराने के दौरान उसके साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए.
- सांड को प्रतिदिन कम से कम एक घंटा कसरत करानी चाहिए.
- सांड की हर रोज मालिश करने के बाद उसे नहलाना चाहिए.
- हर छह महीने के बाद सांड के खून की जांच करा लेनी चाहिए.
- समय-सयम पर सांड में ब्रुसेलोसिस समेत दूसरे यौन रोग जांच करानी चाहिए.
- चार्ट के मुताबिक सांड का टीकाकरण कराते रहना चाहिए.
- एक्सपर्ट द्वारा बताई गई डाइट ही सांड को देनी चाहिए.
- खूंखार सांड से किसान की सुरक्षा का इंतजाम बाड़े में जरूर करें.
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