डेयरी सुधार की दिशा में बड़ा कदम, वेट वर्सिटी ने नोवस के साथ किया समझौता

डेयरी सुधार की दिशा में बड़ा कदम, वेट वर्सिटी ने नोवस के साथ किया समझौता

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने नोवस एनिमल न्यूट्रिशन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इस सहयोग से डेयरी गायों के दूध उत्पादन, दूध वसा और प्रोटीन में सुधार होगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

वेट वर्सिटी और नोवस का सहयोगवेट वर्सिटी और नोवस का सहयोग
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 17, 2025,
  • Updated Sep 17, 2025, 4:10 PM IST

गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना (जिसे आमतौर पर वेट वर्सिटी कहा जाता है) ने नोवस एनिमल न्यूट्रिशन (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. यह समझौता डेयरी गायों के दूध उत्पादन, दूध में वसा और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए किया गया है. इस परियोजना के तहत "एमएफपी™" नामक एक खास आहार पूरक (सप्लीमेंट) का इस्तेमाल किया जाएगा. यह पूरक मेथियोनीन की मात्रा बढ़ाता है, जिससे गायों में दूध वसा और प्रोटीन उत्पादन बेहतर होता है. इससे किसानों को ज्यादा और बेहतर गुणवत्ता वाला दूध मिलेगा.

परियोजना की घोषणा और उद्देश्य

इस समझौते पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. पी.एस. बरार और नोवस के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनीष कुमार सिंह ने कुलपति डॉ. जे.पी.एस. गिल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. कुलपति डॉ. गिल ने कहा कि पशु पोषण का सीधा असर दूध की गुणवत्ता और मात्रा पर होता है. यह समझौता उद्योग और शिक्षा जगत की एक बेहतरीन साझेदारी का उदाहरण है.

क्या है डेयरी किसानों की बड़ी चिंता

परियोजना की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. जैस्मीन कौर ने बताया कि इस शोध का उद्देश्य HMTBa अणु (2-हाइड्रॉक्सी-4-(मिथाइलथियो) ब्यूटेनोएट) का मूल्यांकन करना है. यह अणु मेथियोनीन का अग्रदूत है और इससे दूध की वसा व प्रोटीन में सुधार होता है. यह खासतौर पर दूध वसा अवसाद (Milk Fat Depression) जैसी समस्या को कम करने में मदद करता है, जो भारत में डेयरी किसानों के लिए एक बड़ी चिंता है.

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

दूध में वसा की मात्रा कम होने पर किसानों को दूध की कम कीमत मिलती है, जिससे उनकी आय पर असर पड़ता है. यह शोध परियोजना इस समस्या का समाधान खोजने में मदद करेगी. यदि यह सप्लीमेंट असरदार साबित होता है, तो यह डेयरी किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने का एक नया रास्ता खोल सकता है.

वित्त पोषण और समर्थन

इस परियोजना के लिए नोवस एनिमल न्यूट्रिशन कंपनी 18.29 लाख रुपये की राशि और रिसर्च के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध करवा रही है. पशु पोषण विभाग के प्रमुख डॉ. जे.एस. हुंदल ने बताया कि उनके विभाग के पास इस तरह की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने की पूरी क्षमता और संसाधन मौजूद हैं.

यह समझौता ज्ञापन डेयरी क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध और उद्योग के सहयोग से किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम है. इससे न केवल दूध की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. ऐसे शोध भारत के डेयरी उद्योग को और मजबूत बना सकते हैं.

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