Weather and Animal Care सितम्बर के 16 दिन बीत चुके हैं. किस दिन और किस पल मौसम करवट ले ले कोई नहीं पता. इंसानों संग ये बदलता मौसम पशुओं को भी बहुत परेशान करता है. यही वजह है कि एनिमल एक्सपर्ट इस मौके पर बदलते मौसम के लिए पहले से ही तैयार रहने के टिप्स देते हैं. उनका कहना है कि बदलते मौसम और आने वाली सर्दियों को देखते हुए पशुओं के लिए अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. खासतौर पर ऐसे पशुओं को जो दूध, प्रजनन और मीट का उत्पादन करते हैं. सर्दी का मौसम ऐसे पशुओं के उत्पादन पर भी बड़ा असर डालता है.
क्योंकि अगर ठंड के चलते पशु जरा भी तनाव में आ जाता है तो दूध उत्पादन घटना तय है. इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए शेड में सभी तरह के इंतजाम किए जाएं. शेड में ठंडी हवाओं से बचाने के साथ ही ये भी जरूरी है कि गाय-भैंस ठंडी जमीन पर ना बैठें. इसी को देखते हुए एक्सपर्ट अभी से चावल की भूसी का इंतजाम करने की सलाह दे रहे हैं.
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने हाल ही में पशुओं के लिए एडवाइजरी जारी की है. साइंटिस्ट का कहना है कि बात सिर्फ मौसम की नहीं है, कोशिश ये होनी चाहिए पशु जमीन पर ना बैठे. क्योंकि कई बार पशु जमीन पर अपने ही मल-मूत्र पर बैठ जाता है. इसके चलते गंदगी पशु के शरीर से तो चिपकती ही है, साथ में दूध दुहाने के दौरान भी गंदगी दूध में जाने का डर बना रहता है. इसलिए खासतौर पर सर्दियों में पशु के लिए बिस्तर के तौर पर चावल की भूसी बिछानी चाहिए. क्योंकि चावल की भूसी गीलेपन को सोख लेती है. वहीं जमीन के ठंडेपन को भी ऊपर नहीं आने देती है. इसके चलते शेड का फर्श सूखा बना रहता है.
एनिमल एक्सपर्ट ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि सर्दियों में पशुओं के शेड में उचित वेंटिलेशन का इंतजाम करना चाहिए. जिससे दिन के दौरान अतिरिक्त नमी बाहर निकल सके. क्योंकि स्वच्छ हवा शेड की नमी को अपने साथ ले जाती है या शेड से दूर कर देती है. ऐसा होने पर पशुओं को सांस संबंधी परेशानी भी नहीं होती है.
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