Fish Pond Care in Rainy Season ये बात सही है कि तालाब में मछली पालन करने वालों का मुनाफा मछलियों की ग्रोथ पर टिका होता है. यानि मछलियों का वजन जितना ज्यादा और तेजी से बढ़ेगा तो मुनाफा उतना ही ज्यादा होगा. और ग्रोथ के लिए माना जाता है कि फीड और दवाईयों से होती है. मत्स्य निदेशालय, रांची, झारखंड (Jharkhand) में फिश ट्रेनिंग सेंटर के चीफ इंस्ट्रक्टर प्रशांत कुमार दीपक ने किसान तक (Kisan Tak) को बताया कि मछलियों के लिए जितना जरूरी फीड है उतना ही तालाब का पानी साफ-सुथरा हो और प्रदूषण मुक्त रहे ये भी जरूरी है.
बरसात में मछलियों-नर्सरी तालाब की कैसे करें देखभाल
- तालाब के पानी का रंग हरा होते ही चूने-गोबर का इस्तेमाल बंद कर दें.
- तालाब में 15 दिन से लेकर एक महीने तक के लिए चूने-गोबर का इस्तेमाल बंद कर दें.
- जब बरसात के दौरान बारिश ज्यादा हो तो 15 से 20 किलो चूना घोल बनाकर प्रति एकड़ तालाब में जरूर डालें.
- नर्सरी तालाब से बीज निकालने से एक दिन पहले फीड बंद कर दें.
- नर्सरी तालाब को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए पहले उसे सुखा लें.
- नर्सरी तालाब को दोबारा तैयार करने की भी तैयारियों की जरूरत होती है.
- नर्सरी तालाब को दोबारा तैयार करने के लिए गोबर और चूने का इस्तेमाल करें.
- प्रति एकड़ तालाब में एक से दो हजार किलो गोबर और 50 किलो चूना डालें.
- दोबारा तैयार हो रहे नर्सरी तालाब में गोबर-चूने के बाद एक फिट पानी भर दें
- पांच से सात दिन बाद तालाब में पांच फिट तक पानी भर दे
- तालाब में पांच फिट पानी भरने के बाद 20 लाख बीज (स्पॉन) एक एकड़ में डाल दें
- बीज को हमेशा ट्रांसपोर्ट करते वक्त ठंडे वातावरण का इस्तेमाल करें.
- तालाब में मछली का बीज डालने से पहले जलीय खर-पतवार को साफ कर दें.
- खरपतवार की सफाई के लिए एक एकड़ तालाब में तीन किलोग्राम 2-4 D दवा का इस्तेमाल करें.
- प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए तालाब में चूने-गोबर का इस्तेमाल करना जरूरी है.
- बारिश के दौरान तालाब का पानी जल्दी प्रदूषित होता है.
- बरसात के दौरान तालाब के पानी का रंग हरा हो जाता है.
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