Poultry Farm Care : पोल्ट्री फार्म में बचे हुए खराब पानी और फीड का कैसे करें निपटान, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स 

Poultry Farm Care : पोल्ट्री फार्म में बचे हुए खराब पानी और फीड का कैसे करें निपटान, पढ़ें एक्सपर्ट टिप्स 

Biosecurity in Poultry Farm पोल्ट्री फार्म में बीमारियों को कंट्रोल करने के लिए साफ-सफाई और बायो सिक्योरिटी पर जोर दिया जाता है. इसी के चलते ही फार्म में सबसे ज्यादा ध्यान पीने के बचे हुए पानी और फीड पर दिया जाता है. इसका निपटान कैसे किया जाए और क्या उपाय अपनाएं जाएं इस पर भी बात की जाती है.  

poultry farmpoultry farm
नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Jul 28, 2025,
  • Updated Jul 28, 2025, 10:56 AM IST

Biosecurity in Poultry Farm पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों को होने वाली बीमारियों की एक बड़ी वजह पानी और फीड भी है. पोल्ट्री एक्सपर्ट और वेटरिनेरियन डॉ. इब्ने अली ने किसान तक को बताया कि हर रोज फार्म में पीने का पानी और फीड बचता है. ये वो पानी और फीड है जो मुर्गियों को खाने-पीने के लिए दिया जाता है, लेकिन मुर्गियों के खाने-पीने के बाद भी बच जाता है. नियमानुसार ऐसे पानी और फीड का निपटान जरूरी है. अगर ये बचा हुआ फीड और पानी फार्म में ही रह जाता है तो इसके चलते फार्म में बीमारी फैलने लगती है. 

बचे हुए पोल्ट्री फीड का निपटान कैसे करें 

  • मुर्गियों को खराब और फफूंद लगा पोल्ट्री फीड खाने को न दें. 
  •  नमी और मुर्गियों के मल के संपर्क में आए फीड को फौरन हटा दें. 
  • फार्म से निकले खराब फीड को मिट्टी में दबा दें या खाद बना लें. 

फार्म से निकले खराब पानी का प्रबंधन कैसे करें 

  • पोल्ट्री फार्म के आसपास गंदी पानी जमा न होने दें. 
  • फार्म से निकले गंदे पानी को किसी गड्ढे या नाली में बहा दें. 
  • फार्म के अंदर पानी जमा न होने दें, इससे मक्खी और मच्छर पैदा होते हैं. 
  • जल प्रदूषण से बचने के लिए फार्म ऊंचे चबूतरे या कंक्रीट के फर्श पर बनाएं. 
  • जहां पानी जमा हो या स्टोर किया जाता है वहां गोबर जमा न करें. 

फार्म की साफ-सफाई में किन बातों का रखें ख्याल

  • पोल्ट्री फार्म से निकले कचरे का निपटान करते वक्त दस्ताने और जूते पहनें.
  • खाद और मरी हुई मुर्गियों को निपटाने के बाद हाथ धोकर ही दूसरे काम करें.
  • मरी हुई मुर्गियों को फार्म से दूर जमीन में गहरा गड्ढा कर दबा दें. 
  • मरी हुई मुर्गियों को जलाना मुमकिन हो तो जला दें. 
  • मरी हुई मुर्गियों को कभी भी खुले मैदान या तालाब-नदी में न फेंके. 
  • मरी हुई मुर्गियों के निपटान में इस्तेमाल होने वाले उपकरण कीटाणुरहित कर लें. 
  • फार्म में जहां कचरा और खाद जमा होती है वहां हर किसी को न जानें दें.  

निष्कर्ष-

पोल्ट्री फार्म से निकले कचरे और खाद का सही तरह से प्रबंध करने का असर जहां कर्मचारियों और पक्षि‍यों की सेहत पर पड़ता है वहीं प्रोडक्ट में क्वालिटी भी आती है. अंडे-चिकन के दाम भी अच्छे मिलते हैं. फार्म की लागत कम हो जाती है. 

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