बकरियों के लिए मुसिबत है बारिश का मौसम! ये खतरनाक रोग ले सकते हैं जान, बचाव के जान लें उपाय

बकरियों के लिए मुसिबत है बारिश का मौसम! ये खतरनाक रोग ले सकते हैं जान, बचाव के जान लें उपाय

अगर आप बकरी पालक हैं, तो आपको और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि बकरियों में रोग से लड़ने की क्षमता बहुत कम होती है. बरसात में पानी से भीगने पर बकरियों की तबीयत खराब हो जाती है. खास कर बकरियों को सर्दी-खांसी और जुकाम बहुत जल्दी अपनी जद में लेते हैं.

बकरी पालनबकरी पालन
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 27, 2025,
  • Updated Jul 27, 2025, 4:05 PM IST

बरसात का मौसम किसानों के लिए जहां फायदेमंद होता है, वहीं, पशुपालन के लिहाज से यह सबसे चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि मौसम में बदलाव का सीधा असर पशुओं पर पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश में कई तरह की बीमारियों और रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ये अधिकांश बीमारियां संक्रमण वाली होती हैं, जो एक मवेशी से दूसरे मवेशियों में तेजी से फैलती हैं. अगर समय रहते  इलाज नहीं किया गया, तो कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है. ऐसे में अगर आप बकरी पालक हैं, तो आपको और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि बकरियों में रोग से लड़ने की क्षमता बहुत कम होती है.

बरसात में पानी से भीगने पर बकरियों की तबीयत खराब हो जाती है. खास कर बकरियों को सर्दी-खांसी और जुकाम बहुत जल्दी अपनी जद में लेते हैं. इसलिए इस बकरियों को इन तीन रोगों से बचाकर ही रखें. आइए जानते हैं कौन से हैं वो रोग और क्या है बचाव के उपाय.  

ये हैं 3 खतरनाक रोग

खुरपका-मुंह पका:- बरसात के मौसम में बकरियों को खुरपका-मुंह पका रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. ये एक संक्रमण वाली बीमारी है. यानी यह बीमारी एक बकरी से दूसरी बकरियों में तेजी से फैलती है. इस रोग की चपेट में आने पर बकरियों के मुंह और खुर में छाले पड़ जाते हैं. छाले पड़ने की वजह से मुंह और खुर में घाव बन जाते हैं. इससे उन्हें चलने में तकलीफ होती है. साथ ही बकरियां चारा खाना भी छोड़ देते हैं.

निमोनिया:- जैसे इंसानों को निमोनिया हो जाता है, वैसे ही बकरियों को भी ये रोग हो सकता है, जब बकरी बारिश में ज्यादा भीग जाती है, तो उसे सांस लेने में दिक्कत होती है और उसे खांसी आती है, जिसके बाद वो चारा खाना  भी  बंद कर देती है. ये सब निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं.

पेचिश:- जैसे इंसानों को पेचिश यानी दस्त होता है, वैसे बरसात में बकरियों को भी ये रोग हो सकती है. इस बीमारी में बकरी को पतले दस्त होते हैं, और कभी-कभी तो खून और बदबू भी आती है. इसके अलावा इस रोग को होने पर बकरी को बार-बार प्यास लगती है.बता दें कि ये रोग जानलेवा है.

रोग से बचाव के तरीके

पशु एक्सपर्ट का कहना है कि बारिश के मौसम में बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए उनका टीकाकरण जरूरी है. इसके लिए नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें. सरकार की ओर से टीकाकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है, जिसमें पशुपालक अपने जानवरों को मुफ्त में टीका लगवा कर इन खतरनाक रोग और बीमारियों से बचा सकते हैं. साथ ही नुकसान होने से भी बच सकते हैं. वहीं, पशु एक्सपर्ट कि मानें तो बरसात में बकरियों को साफ, ताजा और पौष्टिक चारा खिलाना चाहिए, ताकि वे सेहतमंद और मजबूत बनी रहें. इसके अलावा बारिश में खेतों में लगे घास चराने से भी बचना चाहिए. बकरियों को बारिश के मौसम में गीला चारा या पानी में भींगी हुई घास भूलकर भी नहीं खिलाना चाहिए. इससे उनकी तबीयत बिगड़ सकती है.

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