देसी गायों की सेवा अब होगी हाई-टेक: गोमिनी ने शुरू किया बड़ा मिशन

देसी गायों की सेवा अब होगी हाई-टेक: गोमिनी ने शुरू किया बड़ा मिशन

गोमिनी कंपनी 500 नए गार्जियन जोड़कर गायों पर आधारित एक सस्टेनेबल इकोसिस्टम बना रही है. यह पहल, जो गांव की महिलाओं को रोजगार देती है, नेचुरल खेती को बढ़ावा देती है, और देसी गायों की विरासत को बचाती है, शहरों और गांवों को एक नए ग्रीन विज़न से जोड़ती है.

देसी गायों का बढ़ेगा सम्मानदेसी गायों का बढ़ेगा सम्मान
प्राची वत्स
  • Noida ,
  • Dec 01, 2025,
  • Updated Dec 01, 2025, 5:57 PM IST

भारत की पहली मैनेज्ड “काउ-केयर सर्विस प्लेटफ़ॉर्म” Gomini ने इस वित्तीय वर्ष में बड़ा विस्तार करने का ऐलान किया है. कंपनी अब 500 नए “गार्डियन्स” (संरक्षक गाय) को अपने प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ने जा रही है. यह प्लेटफ़ॉर्म शहरी लोगों को देशी गायों को अपनाने का मौका देता है, जिनकी सेवा और देखभाल ग्रामीण महिलाओं और किसानों द्वारा की जाती है. इस कदम का मकसद है-देशी गायों की पारदर्शी, सम्मानजनक और नैतिक देखभाल को बढ़ावा देना है.

बड़े जमीन मालिकों के साथ साझेदारी

इस विस्तार के तहत गोमिनी उन ज़मीन मालिकों से साझेदारी कर रही है जिनके पास 50 एकड़ या उससे अधिक ज़मीन है. ऐसी ज़मीन पर 100 से 500 गायों के लिए सस्टेनेबल यानी टिकाऊ और प्राकृतिक तरीके से चलने वाले “गाय-केंद्रित इकोसिस्टम” तैयार किए जाएंगे.

यह मॉडल पारंपरिक खेती या मोनोकल्चर खेती से बिल्कुल अलग है. यहां कचरे को संसाधन में बदला जाएगा, मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और जैव विविधता को भी मजबूत किया जाएगा.

तीन चरणों में विकसित होगा इकोसिस्टम

1. पंचगव्य उत्पादन

इस चरण में गाय के दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर से उच्च गुणवत्ता वाले आयुर्वेदिक उत्पाद बनाए जाएंगे. इससे किसानों और महिलाओं को एक स्थायी आजीविका मिलेगी.

2. प्राकृतिक खेती

इस चरण में मिट्टी के सूक्ष्मजीवों को फिर से सक्रिय किया जाएगा, ताकि मिट्टी उपजाऊ बने और रासायनिक खादों व कीटनाशकों पर निर्भरता खत्म हो सके.

3. वेलनेस रिट्रीट्स

यहां ग्रामीण इलाकों में ऐसे केंद्र बनाए जाएंगे जहां शहरों के लोग आकर प्रकृति, गाय और भारतीय परंपरा से जुड़ सकें. इससे ग्रामीण पर्यटन भी बढ़ेगा.

खेती के लिए बड़ा मॉडल बनाने की तैयारी

गोमिनी के फ़ाउंडर और CEO डॉ. अर्जुन शर्मा के अनुसार, यह मॉडल सिर्फ खेती नहीं बल्कि एक “जीवित प्रणाली” तैयार करने का प्रयास है. उनके अनुसार:

  • 800 से ज़्यादा शहरी लोग गाय गोद लेने की वेटिंग लिस्ट में हैं.
  • इस साल केवल 500 गार्डियन्स को ही जोड़ेंगे ताकि गायों की सेवा और गुणवत्ता पर असर न पड़े.
  • ग्रामीण महिलाओं और SHGs को प्राथमिक केयरटेकर बनाकर उन्हें सम्मानजनक और कौशल-आधारित रोजगार दिया जाएगा.

यह मॉडल गायों की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को सम्मान के साथ आगे बढ़ाता है.

ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने की कोशिश

गोमिनी का यह विस्तार सिर्फ गायों की सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पहल कई बड़े लाभ देती है:

जैव विविधता और पर्यावरण की बहाली

  • ग्रामीण आजीविका में वृद्धि
  • देशी गायों की विरासत का संरक्षण
  • भूमि प्रबंधन का टिकाऊ मॉडल तैयार करना

किसानों और ग्रामीण महिलाओं के लिए नया अवसर

गोमिनी का यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्राकृतिक खेती, और देशी गायों की महत्ता को केंद्र में रखकर एक नया मार्ग खोलता है. यह मॉडल किसानों, महिलाओं और शहरी समाज, तीनों को एक साथ जोड़कर एक सकारात्मक और संतुलित भूमि-प्रबंधन प्रणाली तैयार करता है.

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