Cow Breed: 40 से 50 लीटर दूध देती है ये गाय, कीमत भी है हाई फाई 

Cow Breed: 40 से 50 लीटर दूध देती है ये गाय, कीमत भी है हाई फाई 

गाय का दूध और दूध उत्पाद अधिकांश भारतीय आबादी के लिए प्रमुख पोषण स्रोत हैं. देसी गाय का दूध A2 प्रकार का दूध है जो ना सिर्फ बच्चों के लिए फायदेमंद है बल्कि वयस्कों में शुगर से लड़ने में मदद करता है और यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह विदेशी गायों के दूध से बेहतर है.

देसी नस्ल की गायदेसी नस्ल की गाय
प्राची वत्स
  • Noida,
  • May 28, 2024,
  • Updated May 28, 2024, 5:48 PM IST

भारत प्राचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है और देसी गाय सदियों से भारतीय जीवनशैली का हिस्सा होने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी रही है. गाय का दूध और दूध उत्पाद अधिकांश भारतीय आबादी के लिए प्रमुख पोषण स्रोत हैं. देसी गाय का दूध A2 प्रकार का दूध है जो ना सिर्फ बच्चों के लिए फायदेमंद है बल्कि वयस्कों में शुगर से लड़ने में मदद करता है और यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह विदेशी गायों के दूध से बेहतर है. ऐसे में आइए जानते हैं साहीवाल नस्ल की गाय के बारे में जो हर दिन औसतन 40 से 50 लीटर दूध देती है. क्या है इस नस्ल की खासियत और कीमत आइए जानते हैं. 

दूध देने की क्षमता 

साहीवाल नस्ल की गाय अपनी दूध देने की क्षमता के लिए बहुत प्रसिद्ध है. अगर इस गाय की ठीक से देखभाल की जाए तो यह 40 से 50 लीटर तक दूध दे सकती है. ये गायें एक स्तनपान के दौरान औसतन 3500 लीटर दूध दे सकती हैं. साथ ही इसके दूध में वसा भी पर्याप्त मात्रा में होती है. ये विदेशी गायों की तुलना में दूध तो कम देती हैं, लेकिन इन पर खर्च भी काफी कम होता है. साहीवाल की विशेषताओं और इसके दूध की गुणवत्ता के कारण वैज्ञानिक इसे सबसे अच्छी दूध देने वाली देशी गाय मानते हैं. 

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साहीवाल नस्ल की विशेषता

इस नस्ल की गाय का शरीर गर्मी, परजीवियों और रोग के प्रति प्रतिरोधी होता है, जिसके कारण इसे पालने में अधिक मेहनत की आवश्यकता नहीं होती है और डेयरी किसानों के लिए इसे पालना बहुत फायदेमंद होता है.

  • यह अपने अधिक दूध उपज के लिए काफी मशहूर है.
  • प्रजनन में आसानी, सूखा प्रतिरोधी
  • अच्छे स्वभाव और अच्छी देखभाल के कारण ये कहीं भी रह सकती है.
  • अपनी अच्छी गर्मी सहनशीलता और उच्च दूध उत्पादन के कारण, इन गायों को एशिया, अफ्रीका और कई कैरेबियाई देशों में भी निर्यात किया गया है.
  • यह नस्ल मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार और मध्य प्रदेश में पाई जाती है.
  • दूध उत्पादन - ग्रामीण परिस्थितियों में 1350 कि.ग्रा
  • दूध बेचने के मामले में - 3500 किग्रा
  • पहले प्रजनन की आयु 32-36 महीने
  • प्रजनन काल में अंतराल -15 महीने

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ऐसे करें देखभाल

अधिक दूध उत्पादन के लिए इस नस्ल को अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों की आवश्यकता होती है. पशुओं को भारी बारिश, तेज धूप, बर्फबारी, ठंड और परजीवियों से बचाने के लिए शेड की आवश्यकता होती है. सुनिश्चित करें कि चुने गए शेड में साफ हवा और पानी की सुविधा होनी चाहिए. भोजन के लिए जगह पशुओं की संख्या के अनुसार बड़ी और खुली जगह होनी चाहिए, ताकि वे आसानी से भोजन कर सकें.

क्या है इसकी कीमत

आमतौर पर गायों की कीमत दूध देने की अवधि और दूध देने की क्षमता के आधार पर तय किया जाता है. वहीं, साहिवाल गाय की कीमत/Sahiwal Cow Price भारत के कुछ राज्यों में 40 से एक लाख रूपए तक है. वहीं कुछ राज्यों में गाय की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकती है.

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