पटना, बिहार में बर्ड फ्लू के कुछ मामले सामने आए हैं. केस की तस्दीक होने के बाद कुछ मुर्गियों को मारने की भी खबर है. साथ ही जहां बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं उसके एक किमी के दायरे में एहतियात बरती जा रही है. साथ ही इस पूरे मामले से आम जनता को भी जागरुक करने के लिए सोशल मीडिया की मदद ली जा रही है. बिहार पशुपालन विभाग ने खुद सोशल मीडिया पर बर्ड फ्लू से जुड़ी कुछ पोस्ट की हैं. विभाग ने बताया है कि बर्ड फ्लू कैसे फैलता है और किसे अपनी चपेट में ले सकता है.
बर्ड फ्लू के दौरान अंडे-चिकन खाने से जुड़ी कुछ बातों को भी साफ किया गया है. खासतौर पर पोल्ट्री फार्मर को बर्ड फ्लू की पहचान करने के लिए लक्षण बताए गए हैं. बर्ड फ्लू फैलने पर अंडा-चिकन खाने का तरीका भी सोशल मीडिया पर इस जागरुकता वाले अभियान में बताया गया है.
बर्ड फ्लू के बारे में ये बोला बिहार पशुपालन विभाग
- बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूंजा भी कहा जाता है.
- बर्ड फ्लू एक वायरल बीमारी है.
- बर्ड फ्लू पक्षियों से पक्षियों को होता है.
- बर्ड फ्लू पक्षियों से दूसरे पशु और इंसानों को भी हो सकता है.
- संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से बर्ड फ्लू फैलता है.
- संक्रमित पक्षी की लार, नाक स्त्राव, मल के संपर्क में आने से होता है.
- संक्रमित पक्षी के मीट और अंडे को ठीक से पकाकर न खाने से हो सकता है.
- संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले सामान को छूने से भी हो सकता है.
- संक्रमित पक्षी की लार, नाक स्त्राव, मल से निकल वायरस हवा में फैल जाते हैं.
मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण
- सांस लेने में परेशानी और नाक से पानी आना.
- पंख फड़फड़ाना और गर्दन टेढ़ी हो जाना.
- अंडे देने की संख्या कम हो जाती है.
- बर्ड फ्लू होने पर मुर्गियों अचानक से मरने लगती हैं.
- बर्ड फ्लू संक्रमित मुर्गी के चेहरे और आंखों में सूजन आ जाती है.
- बर्ड फ्लू संक्रमित मुर्गी सुस्त और कमजोर हो जाती है.
- बर्ड फ्लू संक्रमित मुर्गी को भूख कम लगती है.
- अंडे-चिकन को अगर 70 डिग्री तापमान पर पकाया जाए तो बर्ड फ्लू का वायरस मर जाता है.
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