राज्य में पोल्ट्री का व्यवसाय रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है. बिहार के युवा अंडा उत्पादन के क्षेत्र में अपना खुद का रोजगार स्थापित करना चाहते हैं तो उनके लिए बहुत अच्छी खबर है. राज्य में रोजगार सृजन के साथ अंडा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग की खास योजना है. समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत 5 से 10 हजार लेयर मुर्गी क्षमता वाली इकाई की स्थापना के लिए 30 से 40 फीसदी तक अनुदान किसानों को मिल सकता है. विभाग के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत किसान सरकारी मदद लेकर एक स्थायी कारोबार स्थापित कर सकते हैं. इसके लिए बिहार सरकार ने 15 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है.
पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री मो. अफाक आलम ने कहा कि पिछले दो से तीन सालों में मछली के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर बना रहा है. वैसे ही अंडा उत्पादन के क्षेत्र में भी बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार योजना शुरू कर रही है. समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत लेयर मुर्गी पालन के लिए सरकार के द्वारा आवेदन प्रारूप तैयार कर लिए गया है. किसानों को इस योजना के तहत मिलने वाला अनुदान तीन चरणों में दिया जाएगा. अंडा उत्पादन इकाई स्थापना के लिए बैंक कर्ज के ब्याज पर भी पचास प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है.
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत लेयर फार्मिंग के लिए कोई किसान लाभ लेना चाहता है तो वह पशुपालन निदेशालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करेगा. इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो कम से कम सात वर्ष तक अनिवार्य रूप से काम करेंगे. अंडा उत्पादन इकाई की स्थापना निजी या लीज की जमीन पर की जा सकती है. विभाग के द्वारा सामान्य वर्ग को 30 फीसदी और अनुसूचित जाति व जनजाति को 40 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा. शीघ्र ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. किसान को एक महीने तक आवेदन करने का मौका मिलेगा. इस योजना के तहत अनुभवी और सरकारी कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को वरीयता दी जाएगी.
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पशुपालन निदेशालय के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति आवेदन की जांच करेगी. अंतिम निर्णय पशुपालन निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति करेगी. आवेदक के द्वारा दिए गए आवेदन की पूरी जांच प्रक्रिया होने के बाद लाभार्थी को तीन चरण में पैसा दिया जाएगा. वहीं स्थल का निरीक्षण जिला स्तरीय समिति के द्वारा किया जाएगा. स्थल निरीक्षण के आधार पर ही अनुदान की राशि सुनिश्चित की जाएगी. वहीं राज्य के किसानों का कहना है कि सरकार के द्वारा अंडा उत्पादन के लिए शुरू की जाने वाली इस योजना से किसानों को काफी लाभ मिलेगा. किसान शुभम कहते हैं कि पोल्ट्री के क्षेत्र में मीट के लिए लोग मुर्गी पालन कर रहे हैं. वहीं अब अंडा उत्पादन से भी स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा.