मॉनसून की बेरुखी के कारण राज्य में वर्षा कम होने से सूखे जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं. कम वर्षा होने से खरीफ सीजन में धान की रोपनी सरकारी लक्ष्य से आधी ही हो पाई है. वहीं किसान फसलों की सिंचाई सही तरीके से कर सकें इसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किसानों को 12 घंटे की जगह 16 घंटे बिजली देने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. वहीं अल्प वर्षापात वाले क्षेत्रों में कृषि कार्य हेतु कम से कम 16 घंटे विद्युत आपूर्ति के साथ डीजल अनुदान की राशि वितरण में तेजी लाने की बात कही.
सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों राज्य में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए आठ घंटे की जगह बारह घंटे बिजली देने का निर्णय लिया था. वहीं दूसरी ओर सरकार की सहयोगी पार्टी राजद के रामगढ़ से विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह किसानों को 22 से 24 घंटे बिजली देने की बात कह रहे हैं. उन्होंने किसान तक को बताया कि अगर किसान बिजली का पैसा दे रहा है तो किश्तों के हिसाब से बिजली देने का पाखंड करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्हें भी अन्य सेक्टर की तरह बिजली दी जाए.
ये भी पढ़ें-Bihar Weather News : बिहार के कई जिलों में जमकर बरसे बदरा, 6 अगस्त तक अच्छी बारिश
नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में अल्प वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें कृषि कार्य में सहूलियत हो. इसके साथ ही अल्प वर्षापात वाले क्षेत्रों में कृषि कार्य हेतु कम से कम 16 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किया जाए. आगे उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बात कही. इसके साथ ही सभी चापाकल फंक्शनल रहे और नये चापाकल लगाने का कार्य एक सप्ताह के अंदर पूर्ण करने का आदेश दिया.
ये भी पढ़ें- बिहार में मोटे अनाज की खेती के लिए बनेगा रोडमैप, हैदराबाद के ICRISAT संस्थान को मिली जिम्मेदारी
राजद पार्टी से रामगढ़ विधानसभा से विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि अगर किसान से राज्य सरकार बिजली का पैसा ले रही है.तो उसे भी राजधानी पटना की तरह 22 से 24 घंटे तक बिजली मिलनी चाहिए. सरकार किस्तों में बिजली दे रही है. यह सही नहीं है. ऐसा लग रहा है कि सरकार किसानों पर एहसान कर रही है. वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में नहरों से सिंचाई का दायरा 2004-05 की अपेक्षा हाल के समय में 25 प्रतिशत तक कम हुई है. राज्य में नहर से पटवन 2004-05 के दौरान बारह लाख साठ हज़ार हेक्टेयर एरिया में होता था. वहीं अब नौ लाख 66 हजार हेक्टेयर एरिया में खेती का पटवन हो रहा है. इसमें सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही साफ दिख रही है. राज्य में कृषि से जुड़ी समस्या कुछ और है. सरकार काम किसी और दिशा में कर रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today