जुलाई महीने के आखिर तक सूखे की संकट का सामना कर रहे बिहार में अब बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. अगस्त महीने में बिहार में हुई बारिश की वजह से ज्यादातर नदियां उफान पर हैं और कई नदियां खतरे के निशान के पास जा पहुंची हैं. बारिश का फायदा फसलों को मिला है जिससे उनमें जान लौटी है. जुलाई महीने तक बिहार में सूखे की स्थिति देखने को मिल रही थी. सामान्य से 48 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी. लेकिन अगस्त महीने के शुरुआती नौ दिनों में हुई बारिश ने भरपाई की है. अब बिहार में सामान्य से 26 फ़ीसदी कम बारिश रह गई है. बिहार में अब तक सामान्य से 74 फ़ीसदी बारिश हो चुकी है.
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अगस्त महीने में अब तक बिहार में 213 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. मॉनसून एक बार फिर से बिहार में पूरी तरह सक्रिय हो चुका है. सूखे की संकट का सामना कर रहे किसानों के लिए यह राहत भरी खबर है. एक जून से नौ अगस्त के बीच अगर वर्षा अनुपात की बात करें तो सामान्य बारिश 585 मिलीमीटर होनी चाहिए थी जो अब तक 435 मिलीमीटर हो चुकी है.
बिहार में मॉनसून मेहरबान हुआ है जिसकी वजह से जहां धान की रोपनी अब तक नहीं हो पाई थी, वहां काम आगे की तरफ बढ़ा है. जहां धान के पौधे सूख रहे थे, वहां भी हरियाली देखने को मिल रही है. बिहार में पिछले आठ दिनों में धान की रोपनी का रकबा बढ़ कर नौ लाख हेक्टेयर हो गया है. बिहार में इस साल धान की खेती 35 लाख हेक्टेयर में होने का अनुमान है. 8 अगस्त तक 27 लाख हेक्टेयर की रोपनी हो चुकी है जो कुल क्षेत्र का 75 फ़ीसदी है.
ये भी पढ़ें: जान लें, इस वजह से भारत ने सफेद चावल के निर्यात पर लगाया बैन, मंत्री ने दी संसद में जानकारी
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि अगर धान की रोपनी 15 जुलाई तक पूरी हो जाए तो उत्पादन ज्यादा होता है. इस लिहाज से देखा जाए तो इस बार मॉनसून रूठने की वजह से धान की खेती पर असर पड़ा है और उत्पादन घटने की आशंका है. अगस्त महीने में हुई बारिश की वजह से बिहार की नदियों में भी उफान देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां सूखे का संकट टल गया है वही उत्तर बिहार और गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ का खतरा भी देखने को मिल रहा है.
राजधानी पटना से सटे रिवर फ्रंट पर गंगा का पानी चढ़ चुका है. इसकी वजह से प्रशासन भी अलर्ट पर है. बुधवार को पटना में 18.83 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. बारिश की वजह से गंगा, गंडक, बागमती समेत सभी नदियां खतरे के निशान के आसपास हैं. राज्य की कई नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं. बागमती, कमला, भूतही, ललबकिया जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. राज्य के जल संसाधन विभाग के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के रूनीसैदपुर घाट पर बागमती नदी खतरे के निशान से 144 सेमी ऊपर बह रही है जबकि गोपालगंज जिले के डुमरिया घाट पर गंडक नदी खतरे के निशान 36 सेमी ऊपर बह रही है.
ये भी पढ़ें: Bihar News: 10000 हेक्टेयर खेत के लिए मुफ्त में मक्का बीज दे रही सरकार, किसान जल्द उठाएं लाभ
वहीं खगड़िया के बलतारा घाट पर कोसी का जलस्तर खतरे के निशान से चार सेमी ऊपर है. कोइलवर घाट पर सोन नदी का जलस्तर भी 22 सेमी बढ़ा है. गंडक बराज से बुधवार को दो लाख 93 हजार 400 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ है जिससे गंडक के जलस्तर में काफी इजाफा हुआ है. बिहार के गोपालगंज, सारण और सीवान में बाढ़ को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को खुद पटना के गंगा से सटे इलाकों का जायजा लिया था और दियारा के इलाके में रहने वाले लोगों के लिए सतर्कता बरतने का निर्देश अधिकारियों को दिया था.(शशिभूषण की रिपोर्ट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today