राजधानी दिल्ली समेत उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई राज्यों में अभी असामान्य गर्मियों से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है. वहीं मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले पांच दिनों के बीच उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री ज्यादा रहेगा. इस बीच, गुरुवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा रिकार्ड किया गया. इसके अलावा पिछले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ एक या दो जगहों पर भारी बारिश और बर्फबारी हुई. वहीं पूरे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई. ऐसे में आइये जानते हैं आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम-
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है. इसी प्रकार सिक्किम और असम में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं मेघालय, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, नागालैंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश होने की संभावना है.
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मौसम विभाग के अनुसार अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है. वहीं अगले 3 दिनों के दौरान गुजरात राज्य में अधिकतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होने की संभावना है और इसके बाद धीरे-धीरे लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी. इसी प्रकार अगले 5 दिनों के दौरान देश के बाकी हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होने की संभावना है. हालांकि, अगले 5 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है.
मौसम विभाग के अनुसार पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दिन के उच्च तापमान की वजह से गेहूं की फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि गेहूं की फसल फुटाव अवधि के करीब पहुंच रही है, जोकि तापमान के प्रति संवेदनशील अवधि होता है. फूल आने और पकने की अवधि के दौरान उच्च तापमान से उपज में कमी आती है. अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर समान प्रभाव हो सकता है.
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मौसम विभाग की ओर से किसानों को सलाह दी गई है कि वे जांच लें कि फसल तनाव में है या नहीं,तनाव की स्थिति में हल्की सिंचाई की जा सकती है. वहीं उच्च तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए, मिट्टी की नमी के संरक्षण और मिट्टी के तापमान को बनाए रखने के लिए सब्जियों की फसलों की दो पंक्तियों के बीच की जगह में मल्च सामग्री डालें.
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