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Wheat: गेहूं काे 16 मार्च तक नहीं कोई खतरा, IARI डायरेक्टर ने स्टडी के हवाले से क‍िया दावा

Wheat: गेहूं काे 16 मार्च तक नहीं कोई खतरा, IARI डायरेक्टर ने स्टडी के हवाले से क‍िया दावा

जलवायु पर‍िवर्तन की वजह से उत्तर भारत के कई राज्यों में फरवरी में ही गर्मी दर्ज की जा रही है. इस गर्मी का असर गेहूं की फसल पर पड़ने की संभावनाएं लगाई जा रही हैं. ऐसी चर्चाएं हैं क‍ि गर्मी के चलते इस बार भी गेहूं का उत्पादन प‍िछले साल की तुलना में ग‍िर सकता है.

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गेहूं की फसल को हीट वेब से खतरा गेहूं की फसल को हीट वेब से खतरा

जलवायु पर‍िवर्तन की वजह से फरवरी का तापमान बढ़ने लगा है. गर्म होती फरवरी ने कईयों को च‍िंंता में डाल द‍िया है, ज‍िसमें सरकार के साथ ही वैज्ञान‍िक, क‍िसान भी शाम‍िल हैं. फरवरी में बढ़ा तापमान गेहूं की फसल के ल‍िए खतरनाक माना जा रहा है. ऐसी संभावनाएं लगाई जा रही हैं क‍ि फरवरी का बढ़ा तापमान प‍िछले साल की तरह ही गेहूं को नुकसान पहुंचा सकता है. इस वजह से प‍िछले साल की तरह ही गेहूं का उत्पादन कम हो सकता है. ज‍िसको लेकर इन द‍िनों च‍िंताओं और चर्चाओं का बाजार गर्म है. इन सभी च‍िंताओं और चर्चाओं को भारतीय कृष‍ि अनुसंधान संस्थान के न‍िदेशक (ICAR) के न‍िदेशक ने डॉ. अशोक कुमार सिंह ने खार‍िज क‍िया है. उन्होंने एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा है क‍ि 16 मार्च तक गेहूं की फसल को मौसम जन‍ित कारणों से क‍िसी भी तरह का खतरा नहीं है.

35 डि‍ग्री से कम तापमान में गेहूं को खतरा नहीं 

ICAR के न‍िदेशक डा अशोक कुमार स‍िंह ने बताया क‍ि गेहूं की फसल पर अध‍िक तापमान से होने वाले संभाव‍ित नुकसान की एक अग्र‍िम स्टडी की है. ज‍िसमें ये सामने आया है क‍ि 16 मार्च तक अधिकतम तापमान नार्मल से 2 डिग्री सेल्सियस कम रहने वाला है. तो वहीं न्यूनतम तापमान 23 फरवरी से 9 मार्च तक तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम रहने की संभावना है. उन्होंने कहा क‍ि अगर अध‍िकतम तापमान 35 ड‍िग्री से नीचे रहता है तो गेहूं को काेई नुकसान नहीं होता है. उन्होंने कहा क‍ि अभी तक हालात गेहूं के ल‍िए अनुकूल है.

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क‍िसानों को स‍िंचाई की सलाह   

ICAR के न‍िदेशक डा अशोक कुमार स‍िंह ने बताया क‍ि गेहूं की फसल के ल‍िए अभी हालात अनुकूल हैं. वहीं भव‍िष्य की संभावनओं को लेकर उन्होंने कहा क‍ि हवा और तापमान को देखते हुए भविष्य में किसानों को सिंचाई की सलाह दी जाएगी. मालमू हो क‍ि गेहूं की फसल पकने को तैयार है. अध‍िक तापमान होने की वजह से गेहूं के दानों का व‍िकास प्रभाव‍ित हो सकता है. इस वजह से उत्पादन में ग‍िरावट होने की संभावनाएं लगाई जा रही हैं. 

केंद्र सरकार कमेटी बना चुकी

फरवरी महीने में तापमान में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड पर आई हुई है. अध‍िक तापमान से गेहूं के दानों पर पड़ने वाले संभाव‍ित असर की जांच के ल‍िए केंद्र सरकार एक कमेटी ग‍ठ‍ित कर चुकी है. केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से गठ‍ित कमेटी हर‍ियाणा, पंजाब और राजस्थान में अधि‍क तापमान के मद्देनजर गेहूं पर पड़ने वाले असर की मॉन‍िटर‍िंग करेगी. 

प‍िछले साल गर्मी से गेहूं उत्पादन पर पड़ा था असर 

प‍िछले साल गेहूं की फसल पर गर्मी भारी पड़ी थी. मार्च में अध‍िक गर्मी पड़ने की वजह से गेहूं के दानों का व‍िकास प्रभाव‍ित हुआ था. केंद्र सरकार ने पहले 109 मीट्र‍िक टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया था. लेक‍िन, गर्मी की वजह से 107 लाख मीट्र‍िक टन  उत्पादन हुआ था. हालांक‍ि अमेर‍िकी एंजेसी का दावा है क‍ि भारत में प‍िछले साल 99 हजार मीट्र‍िक टन गेहूं का उत्पादन हुआ था.   

 

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