बिहार के सभी जिलों में बारिश हो रही है. वहीं कम दबाव और मॉनसून के सामान्य स्थिति में होने से पिछले दो से तीन दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. इसके बाद किसानों ने एक बार फिर धान की रोपनी करना शुरू कर दी है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के कृषि मौसम परामर्श सेवा के अनुसार 54 साल के बाद आठ से नौ अगस्त के बीच 229.8 मिमी बारिश हुई है. वही कृषि वैज्ञानिक और भोजपुर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी खरीफ सीजन में धान की खेती को लेकर किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि जिन किसानों ने धान की अभी तक रोपनी नहीं की है, वे खेत में एक पौधे की जगह कम से कम दो से तीन पौधों को कम दूरी पर लगाएं. वहीं लगी हुई धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण को प्राथमिकता दें. इसके साथ ही फलदार और वानिकी पौधे लगाने का समय अनुकूल है.
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले वाले 24 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों के कुछ स्थानों पर अत्यंत भारी बारिश, अति भारी बारिश, भारी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही गुरुवार को मौसम विभाग के द्वारा किशनगंज, अररिया, मधुबनी, सीतामढ़ी के कुछ स्थानों पर अधिक बारिश होने का अनुमान लगाया गया है. अभी भी जहां सामान्य बारिश 573.4 मिमी होनी चाहिए थी, उसकी तुलना में अभी भी 391.5 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से करीब 32 प्रतिशत तक कम है.
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डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के वरीय वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी डॉ. अब्दुस सत्तार ने बताया कि कम दबाव और मॉनसूनी रेखा के सामान्य पोजीशन में होने से पिछले दो से तीन दिनों से अच्छी बारिश हो रही है. वहीं एक से नौ अगस्त के बीच करीब 290 मिमी वर्षा हुई है जिसमें आठ से नौ अगस्त यानी 24 घंटे के बीच करीब 229.8 मिमी वर्षा दर्ज की गई. यह 54 सालों के बाद देखने को मिला है. वहीं तकनीकी पदाधिकारी और कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. गुलाब सिंह कहते हैं कि अगर मॉनसून के जून से सितंबर महीने के बीच की बात की जाए तो 26 सितंबर 2007 को 248.5 मिमी बारिश हुई थी. यह बारिश आठ से नौ अगस्त के बीच हुई है. यह दूसरी सबसे अधिक बारिश है, जो 54 साल के बाद हुई है.
कृषि विज्ञान केंद्र भोजपुर के प्रमुख डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी कहते हैं कि अगस्त महीने में हो रही बारिश धान की फसल के साथ-साथ अरहर, मक्का सहित अन्य फसलों के लिए काफी फायदे का सौदा है. वहीं अभी तक जिन किसानों ने धान की रोपनी नहीं की है, उनका बिचड़ा पुराना हो गया है. उस अवस्था में वे एक पौधे की जगह दो से तीन पौधा कम दूरी पर लगाएं. इससे बालियां भरपूर होंगी.
अभी तक जिन किसानों ने अपनी धान की फसल में पोटाश का उपयोग नहीं किया है, वे प्रति एकड़ 25 से 30 किलो पोटाश का उपयोग कर सकते हैं. इससे पौधे की गलन की समस्या कम होगी. साथ ही नए पौधे प्रभावित नहीं होंगे. अगर धान के खेत में खरपतवार है, तो उस अवस्था में किसान खेत से पानी निकालकर खरपतवार को नष्ट करने वाली दवा का उपयोग करें. इसके साथ ही फलदार और वानिकी पौधे लगाने से पहले उपचार जरूर करें.
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मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 13 अगस्त तक राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश होने का अनुमान है, जिसमें उत्तरी पूर्वी, उत्तरपश्चिम, उत्तर मध्य बिहार के कई जिलों में अच्छी बारिश होने का अनुमान है. वहीं गुरुवार को मौसम विभाग के द्वारा मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले में अत्यंत भारी बारिश, गोपालगंज, सारण, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी में अति बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, शिवहर, भोजपुर, बक्सर,समस्तीपुर, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय और खगड़िया के कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने का अनुमान है.
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