समय की मांग को देखते हुए पटना जिले के लोदीपुर गांव निवासी अमरजीत सिन्हा करीब तीन दशक से अपने खेतों में कई तरह की फसलों के बीज तैयार कर रहे हैं. साथ ही अन्य किसानों को भी बीज तैयार करने के लिए जागरूक कर रहे हैं. इनका मानना है कि किसानों को खेती में नए प्रयोग करने की काफी जरूरत है. तभी उनके जीवन में बदलाव आ सकता है. अगर किसान खेती के साथ अपने खेतों में बीज तैयार करते हैं, तो उनका आर्थिक पक्ष काफी मजबूत हो सकता है. अमरजीत सिन्हा गेहूं, मटर सहित प्याज के बीज बड़े पैमाने पर तैयार कर रहे हैं. इससे सालाना 15 लाख से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. इसमें शुद्ध मुनाफा दस लाख रुपए के आसपास होता है. इस तरह वह अपने जीवन की गाड़ी को खुशहाली के साथ आगे बढ़ा रहे हैं.
दानापुर प्रखंड के किसान 65 वर्षीय अमरजीत सिन्हा का मानना है कि किसान अगर दस बीघा जमीन पर खेती करता है, तो वह उसमें से कुछ जमीन पर अपनी जरूरत के अनुसार बीजों की खेती कर सकता है. इसके लिए उन्हें किसी तरह का कोई विशेष मेहनत करने की जरूरत नहीं होती है. किसान को शुरुआती समय में कृषि वैज्ञानिक या आसपास बीज तैयार करने वाले किसान से जानकारी लेने की जरूरत है.
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किसान तक से बातचीत करते हुए किसान अमरजीत सिन्हा कहते हैं कि उन्होंने 1985 के बाद से बीज तैयार करना शुरू किया. इस क्षेत्र में आने के बारे में वह बताते हैं कि जब भी वह दुकान से बीज खरीदते थे, तो उन्हें अच्छे किस्म के बीज नहीं मिलते थे. दुकानदार बीज के नाम पर हमेशा ठग लेता था. इसके बाद तय किया कि अब वे खुद बीज तैयार करेंगे. खेतों में बीज कैसे तैयार होता है, उसकी जानकारी लेने के सिन्हा ने नासिक, फैजाबाद सहित कई शहरों का भ्रमण किया. उसके बाद मटर का बीज सबसे पहले तैयार किया. आगे वह कहते हैं कि उन्होंने पटना के दियारा क्षेत्र में तैयार किए गए मटर की बीज की खेती करवाई. यहां उनके मटर का उत्पादन कंपनी के द्वारा लिए गए बीज से कहीं अधिक हुआ.उसके बाद से धीरे धीरे बीज के बिजनेस की तरफ आगे बढ़ना शुरू किए.
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अमरजीत करीब 22 बीघा जमीन में खेती करते हैं. जिसमें से वह करीब 14 बीघा में मटर और प्याज, गेहूं सहित अन्य फसलों के बीज तैयार करते हैं. वे कहते हैं कि इतनी जमीन में करीब 55 से 60 क्विंटल तक मटर का बीज तैयार करते है. उसके बीज को 110 से 105 रुपए प्रति किलो तक बाजार में बेच देते हैं. इसके साथ ही प्याज का उत्पादन चार क्विंटल तक हो जाता है. वहीं अन्य फसलों के बीज भी तैयार होते हैं. अगर इनसे कमाई की बात किया जाए तो सभी खर्च काटकर करीब दस लाख से अधिक का मुनाफा हो जाता है. आगे वह कहते है कि बीज की खेती के साथ विकल्प के रूप में लहसुन,सब्जी,गन्ना, धनिया की खेती भी करते हैं. क्योंकि उनका मानना है कि हर साल बीज का बाजार सही नहीं होता है.इसके लिए किसानों को साइड में मजदूरी और अन्य खर्च को पूरा करने के लिए इन सभी की खेती करनी जरूरी है.
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