Havoc of saryu: सरयू नदी का कहर पूर्वांचल में जारी, दो दिनों में 200 बीघा भूमि और 10 घर नदी में समाए

Havoc of saryu: सरयू नदी का कहर पूर्वांचल में जारी, दो दिनों में 200 बीघा भूमि और 10 घर नदी में समाए

सरयू नदी का कहर  इन दोनों पूर्वांचल के कई जिलों में जारी है. नदी किनारे बसे हुए जिलों में बहराइच का हाल सबसे बुरा है. नदी का जलस्तर कम होने से बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है तो वहीं कटान तेजी से शुरु हो चुका है. पिछले 1 सप्ताह के दौरान बहराइच के महसी इलाके में सरयू नदी में 200 बीघे कृषि योग्य भूमि पूरी तरीके से समा चुकी है. इसके अलावा 10 घर भी नदी की धारा में डूब चुके हैं

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Havoc of saryu: सरयू नदी का कहर पूर्वांचल में जारी, दो दिनों में 200 बीघा भूमि और 10 घर नदी में समाएसरयू नदी के कटान के चलते खतरे में बाराबंकी के ये दो गांव

सरयू नदी का कहर  इन दोनों पूर्वांचल के कई जिलों में जारी है. नदी किनारे बसे हुए जिलों में बहराइच का हाल सबसे बुरा है. नदी का जलस्तर कम होने से बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है तो वहीं कटान तेजी से शुरु हो चुका है. पिछले 1 सप्ताह के दौरान बहराइच के महसी इलाके में सरयू नदी में 200 बीघे कृषि योग्य भूमि पूरी तरीके से समा चुकी है. इसके अलावा 10 घर भी नदी की धारा में डूब चुके हैं. कई और मकान कटान के मुहाने पर खड़े हैं. ऐसे में लोग मकानों को छोड़कर घर का सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. यही हाल बलिया जिले का भी है जहां सरयू नदी की  लहरों में उपजाऊ भूमि भी निगल ली है. 2 दिनों के अंदर बलिया जिले के चार घर कटान की भेंट चढ़ चुके हैं. वही अब प्रशासनिक उपेक्षा से आहत होकर पीड़ित परिवारों का गुस्सा फूटने लगा है.

सरयू नदी के कटान की भेंट चढ़ रहे हैं ग्रामीणों के आशियाने

सरयू नदी का जलस्तर घटने के साथ ही अब नदी का कटान तेज हो गया है.  सरयू नदी में तेज कटान की वजह से बलिया के गोपाल नगर बस्ती में अफरा-तफरी मची हुई है. कई घर कटान के मुहाने पर खड़े हैं. ऐसे में ग्रामीण अपना आशियाना उजाड़ कर घर का सामान खाली कर रहे हैं. सरयू नदी के कटान के डर से भोजीत यादव के ऊपर झोपड़ी गिर गई जिसके चलते वह घायल हो गए. 

सरयू के कटान के चलते बहराइच जनपद की तहसील महसी में कटान के चलते अब तक 200 बीघा से ज्यादा की भूमि नदी में समा चुकी है. महसी तहसील के जानकीनगर गांव के किसान की धान की फसल नदी के चलते कट रही है. गांव के किसान रामभूषण ,त्रिभुवन ,राजेश ,राजकरण, रामप्रसाद सहित 26 किसानों की कृषि योग्य भूमि 1 सप्ताह के भीतर नदी में समाहित हो चुकी है. नदी के कटान से पीड़ित ग्रामीणों ने तहसीलदार को प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षित स्थानों पर बेसन की मांग की है.

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गोंडा के बांध में आई दरार

सरयू नदी में बैराज से छोड़े जा रहे पानी के दबाव के चलते कटान तेज हो गया है. गोंडा जनपद के भौरीगंज में स्थित सरस्वती रिंग बाद में दरार से लोग दहशत में आ गए हैं. भौरीगंज से चरसडी की तरफ जाने वाले इस बांध पर इधर कुछ दिनों से एक गहरी दरार दिखाई दे रही है जो बढ़ रही है. इस बांध से होकर प्रतिदिन ट्रैक्टर- ट्राली और गाड़ियों का आवागमन होता है. अगर बांध की मरम्मत नहीं हुई तो इससे किसानों को बड़ा नुकसान होगा.

सरयू नदी के कटान के चलते खतरे में बाराबंकी के ये दो गांव

सरयू नदी का जलस्तर कम होने के कारण है अब कटान तेज हो गया है. नदी की धारा कई गांव में कटान के जरिए घुसने लगी है. सरयू नदी के बाढ़ से जिले में 800 हैकटेयर से ज्यादा की फसल बर्बाद हो चुकी है. वहीं अब रामनगर तहसील में सरयू नदी के तेज कटान के चलते बबुरी गांव के लोग दहशत में है. कटान की रफ्तार यही रहा तो यह पूरा गांव नदी में समाहित हो सकता है.

 

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