देश का उत्तरी हिस्सा जहां मॉनूसन की विदाई की तैयारी कर रहा है तो कुछ हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी है. कोलकाता में पिछले चार दशक में हुई सबसे भयंकर बारिश ने दुर्गा पूजा पर असर डाला है तो महाराष्ट्र में भी पिछले कुछ दिनों से तेज बरसात जारी है. वहीं दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों जैसे दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गर्मी बढ़ने लगी है. दशहरे से पहले इस मौसम ने लोगों को काफी परेशान करके रखा है. एक नजर डालते हैं मौसम के हाल पर
कोलकाता इस समय भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है. सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक कई घंटों तक हुई भारी बारिश ने शहर के एक बड़े हिस्से को जलमग्न कर दिया जिससे कम से कम दस लोगों की मौत हो गई. इस भारी बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में जनजीवन लगभग ठप कर दिया. साथ ही यातायात, पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन और रोजमर्रा की गतिविधियों पर खासा असर पड़ा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 24 और 25 सितंबर को भी कोलकाता और आसपास के इलाकों में इसी तरह की भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. इसके साथ ही सामुदायिक दुर्गा पूजा आयोजकों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. भारी बारिश के चलते कुछ रेल सेवाएं अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई हैं. वहीं कई स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान कर दिया है जबकि कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील की है. मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भाग में बन रहे निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण शहर में और बारिश की आशंका है.
महाराष्ट्र में भी भारी बारिश का दौर जारी है. आईएमडी ने बुधवार और गुरुवार को मुंबई में हल्की से मध्यम बारिश और शहर के कुछ हिस्सों में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान लगाया है. मौसम विभाग ने कहा है कि मुंबई और उसके आसपास के जिलों में भारी बारिश का एक और दौर देखने को मिलेगा और 27 सितंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसमें मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि भारी बारिश के कारण पिछले कुछ दिनों में मध्य महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक किसान की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई. 40 से ज्यादा सड़कें और पुल जलमग्न हो गए, जबकि निचले इलाकों से 25 लोगों को निकाला गया. लातूर जिले में सोमवार को औसतन 35.3 मिमी बारिश दर्ज की गई. मंगलवार को, सभी तहसीलों में, लातूर में सबसे ज़्यादा 61.5 मिमी बारिश दर्ज की गई.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून के निष्क्रिय रहने के कारण, इसके वापस लौटने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं. मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार ने मंगलवार को कहा, 'अगले 24 से 48 घंटों में हिमाचल के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'चालू मॉनसून में अब तक औसतन 1,023.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है.
इस मौसम में 1995 के बाद से अब तक सबसे अधिक कुल वर्षा हुई है, जब 1,029.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. हालांकि, अंतिम आंकड़ों की गणना 30 सितंबर को की जाएगी.'स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार, कुछ इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई, जिसमें जोगिंदरनगर में 6 मिमी, सराहन में 2.5 मिमी और नारकंडा में 0.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. इस साल 1 जून से शुरू हुए मॉनसून के बाद से, हिमाचल प्रदेश में औसतन 1,023.4 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 717.6 मिमी बारिश से 43 प्रतिशत अधिक है.
मौसम विभाग के अनुसार, दिन में आसमान साफ रहने के साथ, मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.4 डिग्री अधिक है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 0.1 डिग्री कम है. सुबह सापेक्षिक आर्द्रता 68 प्रतिशत रही और शाम को घटकर 49 प्रतिशत हो गई. बुधवार के लिए, मौसम विभाग ने आसमान साफ रहने का अनुमान लगाया है. न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 126 रहा, जो 'मध्यम' श्रेणी में आता है.
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