कोलकाता में सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक मूसलधार बारिश ने शहर को लगभग पूरी तरह से ठप कर दिया. करीब 251.4 मिमी बारिश हुई, जो 137 वर्षों में छठी सबसे ज्यादा और 1986 के बाद सबसे भारी बारिश है. जलजमाव के चलते मेट्रो, ट्रेन और हवाई सेवा प्रभावित हुई, वहीं कम से कम 8 लोगों की करंट लगने से मौत हो गई.
बारिश की मार ऐसी पड़ी कि मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक पानी भर गया. लोग घरों से निकल ही नहीं पाए. गाड़ियां नाव की तरह बहती दिखीं, दुकानों में पानी भर गया, और दुर्गा पूजा के पंडालों में पानी घुसने से आयोजक परेशान हो गए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बारिश को "अभूतपूर्व" बताते हुए कहा, “मैंने ऐसी बारिश पहले कभी नहीं देखी. खुले तारों के कारण 7-8 लोगों की मौत हो गई है, यह बेहद दुखद है. इन परिवारों को CESC (विद्युत कंपनी) में नौकरी मिलनी चाहिए.”
सीएम ने कहा, “CESC बिजली देता है, सरकार नहीं. लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? जो यहां बिजनेस कर रहे हैं, वो सिस्टम को मॉडर्न क्यों नहीं कर रहे?”
कई पंडालों में काम करने वाले लोग बाल्टी और पाइप से पानी निकालते दिखे. “तीन महीने से पंडाल बना रहे थे, अब सब पानी में डूब गया,” कालीघाट के एक आयोजक ने कहा.
IMD ने चेतावनी दी है कि पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम और बांकुड़ा में बुधवार तक भारी बारिश जारी रह सकती है. 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में नया लो प्रेशर बनने की संभावना भी जताई गई है.
IMD ने कहा, पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और 25 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
इन प्रणालियों के प्रभाव में, 23 तारीख को पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों, 26 तारीख तक ओडिशा, 26 और 27 सितंबर 2025 को तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
25 से 29 सितंबर, 2025 के दौरान कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की एक नई लहर चलने की संभावना है.
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