चक्रवात तूफान मंडौस (Cyclone Mandous) का खतरा बना हुआ है. इसकी गंभीरता को देखते हुए दक्षिण भारत के कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है. तमिलनाडु के तीन जिले रेड अलर्ट पर रखे गए हैं क्योंकि यहां भारी बारिश होने की आशंका है. मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह तक मंडौस चक्रवात को 'गंभीर चक्रवाती तूफान' की श्रेणी में रखा. हालांकि अभी इसका खतरा टला नहीं है और दक्षिण के कई राज्यों में बारिश की संभावना बनी हुई है. खतरे को देखते हुए तमिलनाडु के तीन जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया. बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के क्षेत्र से यह स्थिति पैदा हुआ है.
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी पर बना चक्रवात (Cyclone Mandous) मंडौस चेन्नई से 350 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व और कराईकल से लगभग 270 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व में केंद्रित हो गया है. अभी इसके खतरे को लेकर आगाह किया गया है, लेकिन बाद में इसके हल्का पड़ जाने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने कहा है कि मंडौस के तेज चक्रवात में बदलकर धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाने की संभावना है. चक्रवात शुक्रवार आधी रात और शनिवार तड़के 85 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से महाबलिपुरम के नजदीक पुडुचेरी और श्री हरिकोटा से गुजर सकता है. इसके असर से कई जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है.
इस हालात को लेकर तमिलनाडु के मुख्य सचिव वी. इरैई आनबू शुक्रवार शाम स्थिति की समीक्षा करेंगे. विमान सेवा रोके जाने की स्थिति में उड़ानें बेंगलुरु और हैदराबाद हवाई अड्डे के लिए ट्रांसफर की की जा सकती हैं. इससे पहले तमिलनाडु के लिए एनडीआरएफ की पांच टीमें और पुडुचेरी के लिए तीन टीमों को तैयार कर दिया गया है कि जब उनकी जरूरत पड़े, वे तैनात हो जाएं. आंध्रप्रदेश के लिए कुछ टीमों को भी चौकस कर दिया गया है, ताकि राज्य की ओर से जरूरत पड़ने पर वे हरकत में आ जाएं. सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों को भी पोतों और जहाजों के साथ चाक-चौबंद कर दिया गया है. तटरक्षक भी अपने पोतों के साथ तैयार हैं.
अभी हाल में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई, जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवाती तूफान (Cyclone Mandous) को देखते हुए केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लिया गया. आंध्रप्रदेश, तमिलाडु के मुख्य सचिवों और पुडुचेरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने समिति को अपनी तैयारियों के बारे में अवगत कराया कि चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आने वाली आबादी की सुरक्षा के क्या उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन इसके तमाम उपाय कर रहा है, जिसके तहत मछुआरों को आगाह कर दिया गया है कि वे समुद्र में न जाएं और जो लोग समुद्र में गए हैं, उन्हें वापस बुलाया जा रहा है. आपात सेवाओं को भी चौकस कर दिया गया है.
तमिलनाडु के जिन तीन जिलों को अलर्ट पर रखा गया है उनमें चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम और कांचीपुरम हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा, 9 दिसंबर की सुबह को मंडौस चक्रवाती तूफान (Cyclone Mandous) गंभीर स्थिति में आ सकता है जिसके बाद इसके कमजोर पड़ने की संभावना है. चक्रवाती तूफान पश्चिम-उत्तरपश्चिम की तरफ बढ़ता रहेगा और उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और श्रीहरिकोटा के आसपास इसकी अधिकतम रफ्तार 65-75 किमी प्रति घंटा हो सकती है. शुक्रवार और शनिवार तक इसकी रफ्तार 85 किमी प्रति घंटा तक जा सकती है.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात (Mandous) के प्रभाव में तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी के अधिकांश स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. कुछ स्थानों पर अति भारी बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग के बयान में कहा गया है कि 10 दिसंबर को उत्तर तमिलनाडु की छिटपुट जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. इसे देखते हुए ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने एहतियात जारी किया और अगले आदेश तक सभी पार्क और खेलों के मैदान बंद रखने का निर्देश दिया.
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