Flood of rivers: बिजनौर में नदियों की बाढ़ में डूबी 45 गांवों की 31 सौ हेक्टेयर फसल, गन्ने की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित

Flood of rivers: बिजनौर में नदियों की बाढ़ में डूबी 45 गांवों की 31 सौ हेक्टेयर फसल, गन्ने की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित

हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश का असर गंगा नदी के जलस्तर पर देखा जा रहा है. बिजनौर बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुका है. वहीं जिले की मालन नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. गंगा और मालन नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते अब तक 45 गांव के किसानों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ के चलते अब तक 3102 हेक्टेयर फसल पूरी तरह प्रभावित हुई है

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Flood of rivers: बिजनौर में नदियों की बाढ़ में डूबी 45 गांवों की 31 सौ हेक्टेयर फसल, गन्ने की फसल सबसे ज्यादा प्रभावितबिजनौर में बाढ़ से गन्ने की फसल को हुआ नुकसान

हिमाचल और उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश का असर गंगा नदी के जलस्तर पर देखा जा रहा है. बिजनौर बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बिल्कुल नजदीक पहुंच चुका है. वहीं जिले की मालन नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. गंगा और मालन नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते अब तक 45 गांव के किसानों को नुकसान पहुंचा है. बाढ़ के चलते अब तक 3102 हेक्टेयर फसल पूरी तरह प्रभावित हुई है. सबसे ज्यादा गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा है. राजस्व विभाग के सर्वे में सबसे ज्यादा चांदपुर तहसील में फसलों को हुआ है. चांदपुर तहसील में 2856 हेक्टेयर फसल बाढ़ के चलते डूब चुकी है. वहीं जिले के प्रभावित किसान अब मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.  बाढ़ से प्रभावित फसलों के मुआवजे के लिए जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग कि 4 सदस्यों की टीम बनाई है.

बाढ़ से गन्ने की फसल को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

बिजनौर जनपद में गंगा और मालन नदी की बाढ़ की वजह से चांदपुर तहसील में 2856 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है. जिले में अब तक 2949 हेक्टेयर की गन्ने की फसल बाढ़  के चलते डूब चुकी है जबकि 110 हेक्टेयर पर धान की फसल और 39.37 हेक्टेयर पर ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचा है. जनपद में पिछले 2 सप्ताह से 45 गांव में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. 

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सर्वे के बाद किसानों को मिलेगी क्षतिपूर्ति

बिजनौर जनपद में बाढ़ से बर्बाद हुई 3 हजार हेक्टेयर फसल के सर्वे के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरविंद सिंह ने कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारियों की 4 सदस्य टीम को बाढ़ से प्रभावित फसलों के नुकसान के सर्वे के लिए टीम गठित की है. सर्वे टीम में एसडीएम, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी ,कृषि विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे. जिन किसानों की फसल 33% या उससे ज्यादा का नुकसान पाया जाएगा उन्हें ₹17000 प्रति हेक्टेयर की क्षतिपूर्ति मिलेगी.

मालन नदी के कटान से ग्रामीणों में दहशत

जिले की मालन नदी के कटान के चलते ब्रम्हपुरी और रावली गांव में लगातार कटान बढ़ रहा है जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. भूमि कटान रोकने की मांग को लेकर ग्रामीण जिलाधिकारी से भी मिल चुके हैं. वही उन्नाव जिले के जिला अधिकारी उमेश मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा किया. मालन नदी के कटान से ग्रामीणों को सुरक्षित रखने के लिए स्प्रिंग बल्ली तकनीक का प्रयोग करने का निर्देश दिया है. मालन नदी के किनारे जाकर नदी में बल्ली डालकर पानी की गहराई का आकलन किया और दुर्घटना की आशंका से दृष्टिगत ग्रामीणों को जागरूक भी किया.

 

 

 

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