मॉनसून विदाई की ओर बढ़ रहा है, लेकिन जाते-जाते अपना पूरा असर दिखा रहा है. राजस्थान में बीते चार-पांच दिन से प्रदेशभर में तेज बारिश का दौर जारी है. इससे फसलों में नुकसान हुआ है. हालांकि अगस्त महीने में बरसात नहीं होने से सूखे के जो कयास लगाए जा रहे थे, वे अब दूर हो गए हैं. प्रदेश के अधिकतर बांधों में अब पूरा पानी है. चंबल नदी उफान पर है. हालांकि सितंबर के आखिर हफ्ते तक प्रदेश से मॉनसून विदा हो जाएगा, लेकिन यह तय समय से देरी से विदा हो रहा है.
इससे पहले एक नया सर्कुलेशन सिस्टम बना है. इससे कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है.
मौसम केन्द्र, जयपुर से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के ऊपर बना परिसंचरण तंत्र आज दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर स्थित है. एक और नया परिसंचरण तंत्र बंगाल की खाड़ी में बना हुआ है. वहीं, जोधपुर व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में आज भी बादल छाए रहने तथा रुक-रुक कर हल्के से मध्यम बारिश जारी रहने की सम्भावना है. इसके अलावा जोधपुर, बीकानेर संभाग के ज्यादातर इलाकों में 20 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में कमी होगी. इसके बाद अगले दिनों में केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश की संभावना है.
वहीं, पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर भागों में अगले दो-तीन दिन बारिश की गतिविधियों में कमी होगी. 22 सितंबर से पूर्वी राजस्थान के कोटा, उदयपुर, भरतपुर व जयपुर संभाग के कुछ भागों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश फिर से शुरू हो सकत है. साथ ही सितंबर के आखिरी सप्ताह में पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में हल्के से मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी. मौसम विभाग के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा का कहना है कि बरसते हुए ही प्रदेश से मानसून की विदाई होगी. हालांकि इस बार मॉनसून थोड़ी देर से ही विदा होगा.
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लगातार बारिश के कारण कालीसिंध और माही नदियों का जल स्तर बढ़ा है. मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से पानी छोड़ने के कारण चंबल नदी उफान पर है. इससे कोटा बैराज के 13 गेट खोलने पड़े. वहीं, बांसवाड़ा के माही डैम के भी गेट खोले गए हैं. पश्चिमी राजस्थान के तीन जिलों में भारी बरसात का अलर्ट जारी किया गया है.
उधर, जवाई बांध के भी छह गेट खोले गए हैं. इसके अलावा कालीसिंध, परवन, आहू नदियों में भी जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है.
मौसम केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में बीते 24 घंटे के दौरान डूंगरपुर, बाड़मेर, प्रतापगढ़, सिरोही, जयपुर, उदयपुर, पाली, जालोर, नागौर और राजसमंद जिलों के कई इलाकों में एक से दो इंच बारिश दर्ज हुई है. लगातार हो रही बारिश के कारण जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर और जैसलमेर में दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर गया.
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जयपुर मौसम केन्द्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने बताया कि दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक लो-प्रेशर सिस्टम बना हुआ है. इससे क्षेत्र अब कमजोर होकर साइक्लोनिक सर्कुलेशन में बदल गया है. फिलहाल ये दक्षिणी राजस्थान के ऊपर एक्टिव है और पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है.
इस सिस्टम के असर से पश्चिमी राजस्थान के जालोर, बाड़मेर व जैसलमेर के कुछ भागों में भारी बारिश हो सकती है. शर्मा ने बताया कि 20 सितंबर के बाद राज्य में भारी बारिश के दौर से राहत मिल सकती है.
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