Maharashtra’s Marathwada and Western regions face the heaviest rainfall in 50 years.महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में 1 जून से अब तक मानसून संबंधित घटनाओं में कुल 104 लोगों की मौत हो चुकी है, अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, अत्यधिक वर्षा ने क्षेत्र के 3050 गांवों को प्रभावित किया है, जिसमें छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी, नांदेड़, धाराशिव, हिंगोली, लातूर और बीड जिले शामिल हैं, जिससे फसलें चौपट हुई हैं और किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
संभागीय आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 जून से 29 सितंबर के बीच मराठवाड़ा में दर्ज 104 मौतों में से 7 मौतें 26 सितंबर के बाद आई बाढ़ में हुईं. 1 जून से अब तक कुल 2838 जानवर मारे गए हैं, जिनमें बीड में 685 मौतें शामिल हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि नांदेड़ में सबसे ज़्यादा 28 लोगों की मौत हुई, इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में 17, बीड में 16, हिंगोली में 13, जालना और धाराशिव में 9-9 और परभणी व लातूर में 6-6 लोगों की मौत हुई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में आई बाढ़ में 2701 किलोमीटर लंबी सड़कें, 1504 पुल, 222 झीलें, 1064 स्कूल, 9567 बिजली के खंभे, स्थानीय प्रशासनिक कार्यालयों की 58 इमारतें, 392 जल पाइपलाइन योजनाएं, 352 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इन मरम्मत कार्यों पर 2432.53 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
संभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनकी लिस्ट अपलोड की जाएगी और किसानों को ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) करानी होगी और उनके बैंक खातों में सहायता राशि प्राप्त होगी. पापलकर ने बताया कि क्षेत्र में बाढ़ का स्तर कम हो रहा है, लेकिन गोदावरी नदी के किनारे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मराठवाड़ा में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.
बता दें कि आमतौर पर सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र के 6 जिलों, जिनमें छत्रपति संभाजीनगर, धाराशिव, जालना, बीड, लातूर, नांदेड़, हिंगोली और परभणी जिले शामिल हैं, के 189 राजस्व मंडलों में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है. अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में, पूरे महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की 16 टीमें तैनात की गई हैं और पुणे मुख्यालय में दो टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. (सोर्स- PTI)
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