देश में मौजूदा दौर में जहां एक ओर भारी बारिश के कारण कईइ राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं झारखंड, बिहार और ओडिशा जैसे राज्य गंभीर सूखे की तरफ बढ़ रहे हैं. जहां झारखंड के छह जिले गंभीर सूखे की तरफ बढ़ रहे हैं, 15 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है वहीं ओडिशा के लगभग 28 जिले ऐसे हैं जहां पर सामान्य से कम बारिश हुई है. इसके कारण किसान काफी चिंतित है. मॉनसून की कमी के कारण इन जिलों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है. राज्य में बुवाई के आंकड़ों की बात करें तो बारिश की कमी की के कारण राज्य भर अभी तक 40 फीसदी कृषि योग्य भूमि में धान की खेती की तैयारी भी नहीं हो पाई है. कई जगहों से पानी की कमी के कारण धान के पौधे सूखने की भी तस्वीरें आने लगी है इससे चिंताएं और बढ़ गई है.
कालाहांडी, सुंदरगढ़ के अलावा ऐसे कई जिले हैं जहां पर किसानों के सामने स्थिति बेहद गंभीर है. जबकि राज्य सरकार के मुताबिक अभी तक राज्य में सूखे की स्थिति नहीं है, सरकार का कहना है कि उचित समय आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी. वहीं राज्य के एग्रीकल्चर एक्सपर्ट किसानों को कम अवधि वाले धान की खेती करने की सलाह दे रहे हैं साथ ही फसल विविधीकरण को अपनाने की सलाह किसानों को दी जा रही है. जुलाई के महीने में आमतौर पर ओडिशा में अच्छी बारिश होती है, इसके कारण धान की खेती का काम पूरे जोर-शोर से चलता है पर मौजूदा स्थिति इससे अलग है.
ओडिशा की स्थानीय वेबसाइट ओडिशा टीवी के अनुसार संबलपुर जिले के जमनिकिरा प्रखंड के भोजापुर इलाके में पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं हुई है. पानी के अभाव में और गर्मी के कारण किसानों ने जो बिचड़ा तैयार किया था वो सूख चुका है. प्रदेश के सुंदरगढ़ जिले की स्थिति भी ऐसे ही है जहां पर बारिश नहीं होने कारण किसान खेत की तैयारी भी नहीं कर पाए हैं. यहां पर 15 ग्राम पंचायतों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है. नुआपाड़ा और बरगढ़ में भी किसानों को इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्र के एक किसान संतोष ठाकुर ने बताया कि उन्होंने पैसे उधार लेकर धान के बीज खरीदे थे और बिचड़ा तैयार किया था, पर बारिश की कमी के कारण हालात यह है कि अब लू चल रही है इसके कारण सभी पौधे सूख रह हैं. अब उनके पास समस्या है कि अगर बारिश भी होती है तो फिर धान की रोपाई कहां से कर पाएंगे.
किसानों का कहना है कि आने वाले दिनों में बारिश की अनिश्तितिता के कारण किसान पूरी तरह असहाय हैं. उनके पास किसी तरह का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है. ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, ओडिशा में 1 जून से 10 जुलाई के बीच 221 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य बारिश से 32.2 प्रतिशत कम है. देवगढ़ और रायगड़ा के अलावा राज्य के अन्य 28 जिलों में कम बारिश हुई है. आठ ऐसे जिले हैं जहां सामान्य से 50 फीसदी कम बारिश हुई है. जिलावार आंकड़ों की बात करें तो कालाहांडी में 66 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है, जबकि मयूरभंज में 56 फीसदी, केंद्रपाड़ा में 55 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है. नबरंगपुर और पुरी में भी 54 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है.
कम बारिश के कारण एग्रीकल्चर एक्सपर्ट किसानों को कम अवधि वाले धान की खेती करने की सलाह दी जा रहीह . उनका कहना है कि बारिश की कमी के कारण किसानों ने अभी तक धान की खेती की तैयारी नहीं की है इसके कारण किसान अभी भी कम अवधि वाले धान की किस्मों की खेती कर सकते हैं ताकि किसानों को कम समय में अच्छा उत्पादन मिल सके. कृषि निदेशक प्रेम चंद्र चौधरी ने स्वीकार मॉनसून में कमी के कारण राज्य की खेती प्रभावित हुई है. हालांकि उन्होंने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में बारिश होने पर कृषि कार्य शुरू हो जाएगा. उम्मीद है कि इससे किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी.
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