सागर में युवा किसान ने पहली बार ड्रैगन फ्रूट उगाने की शुरुआत की, तगड़े मुनाफे का अनुमान

सागर में युवा किसान ने पहली बार ड्रैगन फ्रूट उगाने की शुरुआत की, तगड़े मुनाफे का अनुमान

सागर सिटी से सटे कपूरियां गांव के रहने वाले युवा किसान आकाश चौरसिया ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, वह जिले के पहले किसान हैं, जो अपने खेत में इस फल की खेती कर रहे हैं. आकाश ने कहा कि यह बहुत ही फायदेमंद फल होने के साथ ही अच्‍छे पैसे कमाने का जरि‍या भी है.

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सागर में युवा किसान ने पहली बार ड्रैगन फ्रूट उगाने की शुरुआत की, तगड़े मुनाफे का अनुमानड्रैगन फ्रूट की खेती (सांकेत‍िक तस्‍वीर)

मध्‍य प्रदेश में किसान परंपरागत खेती से हटकर अब बागवानी फसलों की खेती में रुचि ले रहे हैं, क्‍योंकि ये उन फसलों के मुकाबले ज्‍यादा मुनाफा देती हैं. साथ ही सरकार की ओर से भी ऐसी फसलों की खेती के लिए मदद भी मिलती है. ऐसे ही एक कहानी राज्‍य के सागर जिले से सामने आई है, जहां एक युवा ने अपना डॉक्‍टर बनने का सपना त्‍यागकर किसान बनना सिर्फ इसलिए पसंद किया कि वह लोगों तक सेहत से भरपूर कृषि उत्‍पाद पहुंचा सकेगा.

खेती सफल होने पर होगी तगड़ी कमाई

दैनिक भास्‍कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सागर सिटी से सटे कपूरियां गांव के रहने वाले युवा किसान आकाश चौरसिया ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, वह जिले के पहले किसान हैं, जो अपने खेत में इस फल की खेती कर रहे हैं. आकाश ने कहा कि यह बहुत ही फायदेमंद फल होने के साथ ही अच्‍छे पैसे कमाने का जरि‍या भी है. इससे उन्‍हें सालाना ढाई से तीन लाख रुपये तक की कमाई होगी. आकाश ने बताया कि उनके पास 16 एकड़ खेती की जमीन है, जहां वह कई प्रकार की फसलों की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही ड्रैगन फ्रूट का बाग भी तैयार किया है. आकाश मल्टी लेयर पद्धति से ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग कर रहे हैं. 

लोगों को शुद्ध उत्‍पाद उपलब्‍ध कराना लक्ष्‍य

आकाश चौरसिया ने कहा कि वह डॉक्‍टर बनना चाहते थे, लेकिन फिर सोचा की डॉक्‍टर बनकर लोगों का इलाज तो किया जा सकता है, लेकिन उन्‍हें अच्‍छी सेहत दे पाना उनके हाथ में नहीं होगा. आज के समय में जिस तरह के उत्‍पाद लोगों तक पहुंच रहे हैं, उनसे समस्‍याएं और बढ़नी ही हैं. ऐसे में उन्‍होंने खेती के जरिए लोगों तक अच्‍छे उत्‍पादन पहुंचाने के बारे में सोचा और 12वीं कक्षा के बाद आधा बीघा जमीन पर खेती की शुरूआत की.

मल्‍टीलेयर फार्मिंग करते हैं आकाश

आकाश ने कहा कि बुंदेलखंड में पानी की काफी समस्‍या होती है. इसलिए उन्‍होंने नए प्रयोग के रूप में मल्‍टीलेयर फार्मिंग की और इसमें सफल रहे. सागर में ड्रैगन फ्रूट की खेती नहीं होती, लेकिन मैंने इसकी शुरुआत करते हुए खेत तैयार करते हुए 100 किलो चूना और 50 किलो नीम के पाउडर का मिश्रण बनाकर छिड़काव के साथ जमीन काे कुछ दिनाें के‍ लिए खाली छोड़ा, जिसमें जल्‍द बोवनी की जाएगी.

आकाश ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती पौधे की कलम और बीज दोनों को उगाकर की जा सकती है, लेकिन सीधे बीज से खेती करने में फल आने में लंबा समय लगता है, जो 4-5 साल तक हो सकता है. वहीं, कलम से लगाए पौधे में 2 साल के अंदर ही फल उत्‍पादन शुरू हो जाता है. जैविक खेती और मल्टीलेयर फार्मिंग की सफलता के चलते आकाश को पीएम मोदी भी बतौर उन्नत किसान सम्‍मानित कर चुके हैं. उन्‍हें वर्ष 2018 में ग्राम मित्र राष्ट्रीय युवा सम्मान मिला था. 

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