जम्मू-कश्मीर में बडगाम की रहने वाली खालिदा रसूल ने सामाजिक बंधनों को चुनौती देकर खुद अपनी राह बना रही हैं. शादी के बाद खालिदा ने अपने परिवार की देखभाल के लिए नौकरी छोड़ दी. हालांकि, वे खुद को गृहिणी की भूमिका तक सीमित नहीं रखना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने ऑयस्टर मशरूम की खेती करने का फैसला किया. खालिदा रसूल मे पीटीआई से कहा कि शादी के बाद वह अपनी जॉब छोड़कर घर का काम, बच्चों का काम, सास ससुर और बाकी परिवार के सदस्यों की देखभाल में बिजी रहीं.
लेकिन उनके अंदर कुछ अलग करने का जुनून था. वह कुछ करना चाहती थीं. इस दौरान उन्होंने ऑयस्टर मशरूम के बारे में पढ़ना शुरू किया. उन्होंने जब इसके बारे में पढ़ा तो उन्हें पता चला कि यह तब तक कश्मीर में आया ही नहीं था. साथ ही, यह बहुत हाइजेनिक और फायदेमंद वाला है. साल 2023 में खालिदा ने अपनी बहन की मदद से ऑयस्टर मशरूम की खेती का प्रशिक्षण शुरू किया. उनकी बहन शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक हैं.
खालिदा के लिए यह ट्रेनिंग आसान नहीं थी क्योंकि उन्हें प्रशिक्षण के साथ-साथ अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को भी निभाना था. लेकिन अब दो साल बाद खालिदा एक सफल उद्यमी बन चुकी हैं. वह हर महीने स्थानीय बाजार में 30 से 40 किलोग्राम ऑयस्टर मशरूम बेचती हैं.
उनके लिए यह आमदनी का खास जरिया बन चुका है. उन्हें इस बात का गर्व है कि वे कश्मीर में ऑयस्टर मशरूम की खेती करने में कामयाब रहीं. उन्होंने बताया कि वे शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के स्काई सेंटर से जुड़ी हुई हैं. वहीं से उन्हें स्पॉन मिलते हैं. वह पहले ही यूनिवर्सिटी में अपनी जरूरत के हिसाब से ऑर्डर देती हैं.
खालिदा ने बताया कि अगर वह स्पॉन की 500 या 1000 बोतल्स लेती हैं तो उस हिसाब से एक बोतल उन्हें 50 रुपये की पड़ती है. ऑयस्टर मशरूम लगाने के बाद 20 से 25 दिन में उपज मिलने लगती है. आज बहुत सी महिलाएं उनके जुड़कर काम कर रही हैं. उन्होंने अपना काम को आगे बढ़ाने के लिए जो भी मशीनें ली हैं वे सब अपने बलबूते पर ली हैं.
खालिदा को इस बात की खुशी है कि वे वे ऑयस्टर मशरूम की खेती करने में कामयाब रही क्योंकि इसे सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने की वजह से ऑयस्टर मशरूम में कैंसर और मोटापा रोकने की खूबी होने की भी बात कही जाती है. दूसरी महिलाओं को खालिदा रसूल की सिर्फ एक ही सलाह है कि- खुद पर भरोसा रखें और फिर वे खुद को मशरूम की तरह बढ़ते हुए देखेंगी.
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