पॉलीहाउस से चमकी अमेठी के किसान की किस्मत, खीरे का हुआ बंपर उत्पादन और लाखों में शुरू हुई कमाई

पॉलीहाउस से चमकी अमेठी के किसान की किस्मत, खीरे का हुआ बंपर उत्पादन और लाखों में शुरू हुई कमाई

Khere Ki Kheti: किसान सुरेंद्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में टमाटर की खेती करने का विचार किया जा रहा है. दरअसल, पॉलीहाउस में नगदी फसल काफी तगड़ा होता है और इसमें खर्च भी काफी काम आता है. बताया कि जैविक और मवेशी के गोबर से मैं खेती करता हूं. 

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पॉलीहाउस से चमकी अमेठी के किसान की किस्मत, खीरे का हुआ बंपर उत्पादन और लाखों में शुरू हुई कमाई अमेठी जिले के सिंहपुर गांव निवासी किसान सुरेंद्र बहादुर सिंह (Photo-Kisan Tak)

आज के दौड़ में किसान नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आधुनिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए पॉलीहाउस सबसे बेहतरीन उदाहरण साबित हो रहा है. आज हम आपको पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी अपनाने वाले किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्‍हें तगड़े मुनाफे के साथ सरकार की तरफ से सब्सिडी का भी लाभ मिला है. इसी कड़ी में अमेठी के किसान सुरेंद्र बहादुर सिंह ने जिले का पहला पॉलीहाउस बना कर खेती में एक नया आयाम स्थापित किया. सुरेंद्र पॉलीहाउस में खीरे की खेती कर रहे हैं, जिससे बंपर उत्पादन के साथ आमदनी भी अच्छी हो रही है.

पॉलीहाउस में खीरे की खेती 

इंडिया टुडे के किसान तक से खास बातचीत में प्रगतिशील किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि बीते 4 महीने पहले पॉलीहाउस बनाने के बाद सबसे पहले 12 हजार पौधा खीरा का लगाया है. वहीं खीरे की तुड़ाई का काम जारी है. बीते 20 वर्षों से पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले किसान सुरेंद्र ने बताया कि धान और गेहूं की खेती हम लोग करते आ रहे है, लेकिन इस साल पॉलीहाउस का निर्माण करवाने के बाद हम खीरे की खेती शुरू की है.

एक महीने में 4 लाख की कमाई

उन्होंने बताया कि पॉलीहाउस बनाने में कुल 50 से 52 लाख रुपये का खर्च आया है, जिसमें 25 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार के द्वारा मिलना बाकी है. खीरे के उत्पादन के सवाल पर सिंहपुर गांव के निवासी सुरेंद्र ने बताया कि 4-5 क्विंटल रोजाना तोड़ा जा रहा है. अभी खीरा 4 मीटर क्षेत्रफल यानी एक एकड़ में लगा हुआ है. वहीं 18 से 19 रुपये प्रति किलो के रेट से अमेठी के लोकल मंडी और उसके आसपास के जिलों में हो बिक जा रहा है. उन्होंने बताया कि 12 हजार रुपये की आमदनी रोजाना हो जा रही है. यानी एक महीने में 3-4 लाख रुपये.

टमाटर की खेती करने का विचार

किसान सुरेंद्र बताते हैं कि आने वाले दिनों में टमाटर की खेती करने का विचार किया जा रहा है. दरअसल, पॉलीहाउस में नगदी फसल काफी तगड़ा होता है और इसमें खर्च भी काफी काम आता है. बताया कि जैविक और मवेशी के गोबर से मैं खेती करता हूं. 

खेती में आधुनिक तकनीक से बढ़ी आमदनी

अमेठी जिले का पहला पॉलीहाउस बनाने वाले सुरेंद्र बहादुर सिंह ने बताया की पॉलीहाउस बेस तकनीक है. इसमें एक स्ट्रक्चर बनाया जाता है. इसमें ऐसा वातावरण होता है, जिसमें ऑफ सीजन में भी सब्जियां तैयार हो जाती हैं. सुरेंद्र की सफलता से अन्य किसान भी प्रेरित हुए हैं और उन्होंने भी उद्यानिकी फसलों के बारे में विभाग से सम्पर्क साधा है. किसान सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि खेती में आधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाए और सरकारी योजना का लाभ लिया जाए तो खेती मुनाफे का व्‍यवसाय बन सकती है.

पॉलीहाउस योजना सरकार दे रही 50% की सब्सिडी

उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के निदेशक बीएन द्विवेदी ने बताया कि किसानों को इस योजना में शत प्रतिशत लाभ मिलेगा. इस प्रोजेक्ट के जरिए किसान कोई भी सब्जी फल फूल की खेती सीजन के अलावा वर्ष के 12 महीने कर सकते हैं. इससे किसानों को फायदा होगा और उनकी आय दोगुनी होगी. उन्होंने कहा कि इस काम के जरिए किसान आसानी से फल फूल और सब्जी तैयार कर पाएंगे और वह बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. इसको लगाने के लिए विभाग के द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है.

आपको बता दें की इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए कोई भी किसान आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के दौरान किसानों को अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी, मोबाइल नंबर के साथ अपना आवेदन कर सकते हैं.

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