मशरूम फार्मिंग से बिहार की अनीता ने बदली सैकड़ों मह‍िलाओं की जिंदगी, पीएम मोदी ने शेयर की स्‍टोरी

मशरूम फार्मिंग से बिहार की अनीता ने बदली सैकड़ों मह‍िलाओं की जिंदगी, पीएम मोदी ने शेयर की स्‍टोरी

बिहार के नालंदा जिले की रहने वाली अनीता देवी ने मशरूम फार्मिंग के जरि‍ए खुद को आत्‍मनिर्भर बनाने के साथ ही सैकड़ों मह‍िलाओं को भी रोजगार दिया और उनका जीवन संवारने का काम किया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्‍ट्रीय मह‍िला दिवस पर अपना एक्‍स हैंडल उन्‍हेें सौंपा और उन्‍होंने पूरी दुनिया को अपनी सफलता की कहानी बताई.

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मशरूम फार्मिंग से बिहार की अनीता ने बदली सैकड़ों मह‍िलाओं की जिंदगी, पीएम मोदी ने शेयर की स्‍टोरीअनीता देवी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महि‍ला दिवस के मौके पर कुछ सफल महिलाओं की कहानी अपने एक्‍स हैंडल पर साझा की. इनमें से एक ऐसी ही कहानी बिहार के नालंदा जिले की एक महिला की है, जिन्‍होंने मशरूम फार्मिंग के जरि‍ए खुद को तो आत्‍मनिर्भर बनाया ही, साथ में सैकड़ों मह‍िलाओं को भी रोजगार दिया और उनका जीवन संवारने का काम किया है. अपनी कहानी बताते हुए नालंदा जिले के अनन्तपुर गांव की रहने वाली अनीता देवी ने बताया कि उन्‍हाेंने अपने जीवन में बड़े संघर्ष देखे हैं, लेकिन उनका हमेशा से मन था कि वह अपने दम पर कुछ करे.

2016 में शुरू की अपनी कंपनी

अनीता ने बताया कि साल 2016 में यह मौका आया और उन्‍होंने खुद का कोई रोजगार शुरू करने का सोचा और इस पर काम करना शुरू किया. अनीता ने बताया कि उस समय स्टार्ट-अप्स का क्रेज बढ़ हुआ था, इसलिए 9 साल पहले उन्‍होंने अपनी माधोपुर फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की बनाई.

सैकड़ों महिलाओं को दिया रोजगार

वे आज मशरूम उत्पादन कर अपने परिवार को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं. अनीता बताती है कि उन्‍होंने ना सिर्फ अपनी राह आसान की, बल्कि सैकड़ों महिलाओं को रोजगार के मौके देकर आत्मनिर्भर भी बनाया है. अब उनकी कंपनी किसानों को खाद, बीज और कीटनाशक जैसी जरूरी चीजों को भी सस्ती कीमतों पर बेचती है. आज इस कंपनी में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं को, आजीविका के साथ स्वाभिमान का जीवन भी मिल रहा है.

अब मखाने के व्‍यापार में उतरने का प्‍लान

अनीता ने बतया कि उन्‍होंने बिहार सरकार की जीविका परियोजना और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की मदद से मशरूम फार्मिंग की ट्रेनिंग ली थी. इसके बाद उन्‍होंने सैकड़ों महिलाओं को भी मशरूम फार्मिंग से जोड़ा. अब उनका सपना है कि गांव की हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो. अनीता अब मखाना के व्‍यापार में भी हाथ आजमाने का सोच रही है, क्‍योंकि हाल ही में मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा हुई है और सरकार मखाना उत्‍पादन और इससे बने उत्‍पादों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है. 

'महिलाओं को आत्मनिर्भर बनते देखना सबसे बड़ी खुशी'

अनीत कहती हैं, “मेरे साथ काम करने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनते देखना मेरी सबसे बड़ी खुशी है. मैं मानती हूं कि आर्थिक स्वतंत्रता ही महिलाओं के सम्मान और सामाजिक स्थिति को मजबूत करती है. आज जब मेरे साथ की महिलाएं अपने परिवार के लिए कुछ अच्छा करती हैं, तो मुझे इससे सबसे ज्यादा संतोष होता है.”

अनीता ने आगे कहा कि उनका यह मानना है कि अगर वह ये काम कर सकती हैं, तो ये कोई भी कर सकता है. मेरा देश की सभी बहनों को यही संदेश है कि वो आत्मनिर्भर बनें और अपने साथ-साथ अपने परिवार का जीवन बदलने के लिए भी काम करें. अगर आप अपनी लगन और मेहनत से आगे बढ़ने का प्रण कर लेंगी तो दुनिया की कोई ताकत आपको नहीं रोक पाएगी.

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