जमशेदपुर में दो किसानों ने पहली बार की स्ट्रॉबेरी की खेती, अब हर महीने 2 लाख की कमाई

जमशेदपुर में दो किसानों ने पहली बार की स्ट्रॉबेरी की खेती, अब हर महीने 2 लाख की कमाई

अब दोनों किसान हर एक दिन के बाद स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई करते हैं और महीने के 2 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. बाजार में यहां की स्ट्रॉबेरी की काफी मांग है. नए लोग हैं, इसलिए इनको पैकेजिंग नहीं आती. अभी दोनों पैकेजिंग सीख रहे हैं. दोनों किसान खेती से काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि अगर यह स्ट्रॉबेरी सितंबर महीने मे लगाते हैं तो मुनाफा काफी अच्छा होगा. ठंड में इसकी मांग ज्यादा होती है.

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जमशेदपुर में दो किसानों ने पहली बार की स्ट्रॉबेरी की खेती, अब हर महीने 2 लाख की कमाईस्ट्रॉबेरी की खेती

जमशेदपुर के पटमदा प्रखंड के पटमदा गांव के किसान अच्छी मिट्टी होने के कारण पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. यह इलाका अमूमन धान की खेती और सभी प्रकार की सब्जी उत्पादन का प्रमुख केंद्र रहा है. कृषि विभाग की मदद से यहां के युवा मलय महतो और युधिष्ठिर महतो ने स्ट्रॉबेरी की खेती की है. इन युवा लड़कों ने पहले पहल तो थोड़ी झिझक की लेकिन बाद में सोचा कि हमारे गांव में सभी तो धान और सब्जी की खेती करते हैं, तो हम कुछ अलग करके देखते हैं. इसी के साथ पटमदा गांव में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू हुई.

कृषि विभाग के सहयोग से पहले पहल इन लोगों ने मिट्टी का टेस्ट करवाया. उसमें पाया कि यहां की मिट्टी भुरभुरी है और जानकारों के अनुसार यह स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयुक्त है. फिर पहली बार स्ट्रॉबेरी के 1400 नर्सरी लगाई. देखते-देखते स्ट्रॉबेरी के पौधे बड़े हो गए. फिर फल आता गया. पौधों पर लगे फल काफी बड़े और स्वादिष्ट हैं. इन दोनों किसान युवकों ने जब पहली बार फल तोड़ा तो करीबन 5 किलो स्ट्रॉबेरी निकली. बाद में हर दिन 15 से 20 किलो स्ट्रॉबेरी आने लगी. 

हर महीने 2 लाख की कमाई

अब दोनों किसान हर एक दिन के बाद स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई करते हैं और महीने के 2 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. बाजार में यहां की स्ट्रॉबेरी की काफी मांग है. नए लोग हैं, इसलिए इनको पैकेजिंग नहीं आती. अभी दोनों पैकेजिंग सीख रहे हैं. दोनों किसान खेती से काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि अगर यह स्ट्रॉबेरी सितंबर महीने मे लगाते हैं तो मुनाफा काफी अच्छा होगा. ठंड में इसकी मांग ज्यादा होती है.

किसान मलय मलय महतो ने 'आजतक' से कहा, हम पटमदा गांव में रहते हैं. हमारा इलाका सब्जी की खेती के लिए जाना जाता है. हमारे यहां अधिकतर धान और सब्जी की खेती होती है, लेकिन कृषि विभाग ने पहली बार हमें स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया. हमने सारी प्रक्रिया पूरी कर स्ट्रॉबेरी की खेती की है. यह खेती काफी सफल रही है. हम करीबन 2 लाख रुपये कमाई कर रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत फसल को बचाने में हो रही है. फसल खुले में है. इसे चिड़िया से सबसे अधिक खतरा रहता है जिससे हमें बचाना पड़ता है.

क्या कहा किसान ने?

किसान युधिष्ठिर महतो कहते हैं, हमने पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की है. इससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है. हमें लगता है कि अब हमें अधिक से अधिक स्ट्रॉबेरी की खेती करनी चाहिए जिससे यहां के किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा मिले. इसके लिए हमने पहल शुरू कर दी है. यह पहला मौका है जहां इस इलाके में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा रही है.

यहां के जिला उद्यान पदाधिकारी अनीमा लकड़ा ने कहा कि यहां पहली बार तीन जगहों पर स्ट्रॉबेरी की खेती की गई. इनमें पटमदा, घाटसिला और ढालभुमगढ़ शामिल हैं. सभी जगह किसान काफी खुश हैं, क्योंकि उनको अच्छा मुनाफा हो रहा है. अगली बार हमारा विभाग और भी जगहों पर स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए किसानों को जागरूक करेगा. हमारी कोशिश होगी कि किसान इसमें अपनी अच्छी भागीदारी निभाए ताकि उनको अच्छा मुनाफा हो सके. (अनूप सिन्हा की रिपोर्ट)

 

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