महामारी के बाद लोगों की दिलचस्पी खेती-बाड़ी में बढ़ने लगी है. कई लोग अब 9 बजे से 6 बजे वाली नौकरी छोड़ खेती में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे लोग ना सिर्फ खुद के जीवन में आगे निकाल रहे हैं बल्कि दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि वो भी मेहनत कर एक सफल किसान बन सकते हैं. ऐसी ही एक महिला किसान मधु पटेल हैं. जिन्होंने पहली बार पानी के टैंक में मोती की खेती का काम शुरू किया. इस काम में उन्हें सफलता भी हासिल हुई. नतीजतन अब वह लाखों महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं. आइए जानते हैं इस सफल महिला की कहानी:
नालंदा की रहने वाली मधु पटेल पहली बार मोती की खेती कर देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. मधु पटेल प्रवीण के नाम से सभी लोग उन्हें अब बुलाने लगे हैं. इससे पहले वह मशरूम लेडी के नाम से भी मशहुर थीं. इतना ही नहीं उन्हें 20 फरवरी 2021 को सबौर विश्वविद्यालय में इन्नोवेटिव फॉर्मर सम्मान के रूप में सम्मानित किया गया था.
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मधु पटेल ने बताया कि वह मुख्य रूप से नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल क्षेत्र बाजार के वार्ड संख्या 2 की रहने वाली हैं. उनके पिता का नाम माधव पटेल है.
मधु पटेल ले इस सफलता के पीछे उनके पति धर्म दत्त सिंह का हाथ है. अपने पति की मदद से मधु पटेल 2017 में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर शिफा भुवनेश्वर से ट्रेनिंग ली थी. वर्ष 2018 में फल की खेती अपने मायका हिंसा में शुरू किया था. उन्होंने बताया कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई पर अब इसमें सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है. अभी फिलहाल मधु पटेल मोती की खेती कर रही हैं. मौजूदा वक्त में 4000 मोती पूरी तरीके से तैयार है और 15000 तैयार होने के लिए तालाब में डाला गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि घर के टैंक में भी मोती की खेती की जा सकती है. एक मुखी मोती के लिए डेढ़ लीटर पानी की जरूरत होती है. उसके हिसाब से जितनी मोती चाहें आप रख सकते हैं. मोती तीन तरह का होता है. पहला 1 साल में तैयार होने वाले डिजाइनर मोती, दूसरा डेढ़ साल में तैयार होने वाले हाफ फ्रॉम मोती और तीसरा ढाई साल में तैयार होने वाले रोल मोती.
मधु पटेल ने आगे बताया कि सबसे पहले 2011 में राजगीर के पंडित पुर के पास मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया था. जिसका निरीक्षण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी द्वारा किया गया था. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने मधु पटेल के हौसलों को भी बढ़ाया था. आज के समय में मधु पटेल महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं. मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में मधु पटेल को बिहार सरकार द्वारा सशक्तिकरण का अवार्ड भी मिल चुका है.
मधु पटेल खाने योग और मेडिसिनल मशरूम का उत्पादन भी करती है. यह मशरूम 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजारों में बिक रहा है. मधु पटेल ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है. चाहे तो महिलाएं हर घर काम कर सकती हैं. इसके लिए एक जज्बा होना चाहिए. मधु पटेल ने कहा कि आज के दौर में लड़कियां, महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं. मधु पटेल अन्य महिलाओं को मशरूम और मोती की उपज की ट्रेनिंग भी देती हैं. महिलाओं को वह अपने फॉर्म पर ट्रेनिंग देती हैं.
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