देश में मुख्य तौर पर कश्मीर में ही केसर की पारंपरिक खेती होती है, लेकिन अब नई तकनीक वाली खेती से अनुकूलित वातावरण तैयार कर कहीं भी इसकी खेती संभव हो गई है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक दंपती ने प्रेरित होकर अपने घर को 'मिनी कश्मीर' बनाकर एरोपोनिक तकनीक से केसर की खेती शुरू की है. तीन महीने में ही दंपती की मेहनत रंग लाने लगी है. केसर के फूल खिल गए हैं और धागे भी तैयार होना शुरू हो गए है. इंदौर की साईं कृपा कॉलोनी में रहने वाले अनिल जायसवाल ने अपने घर पर अनुकूल वातावरण तैयार कर केसर की फसल उगाने के बारे में बताते हुए कहा कि उनका परिवार पारंपरिक खेती से जुड़ा हुआ है. वे कुछ समय पहले कश्मीर घूमने गए थे, जहां उन्होंने केसर की खेती होते हुए देखी तो उनके मन में भी इसकी खेती का विचार आया.
अनिल जायसवाल ने कहा, "हमारा परिवार पारंपरिक खेती से जुड़ा हुआ है. कुछ समय पहले, मैं अपने परिवार के साथ कश्मीर गया था. श्रीनगर से पंपोर जाते समय हमने केसर की होते देखी, जो कि दुनिया का सबसे महंगा मसाला है. इसके बाद हमने इंदौर में आदर्श तापमान और जलवायु परिस्थितियां बनाकर इसकी खेती के बारे में सोचा." अनिल जायसवाल ने बताया कि उन्होंने खेती के लिए जम्मू और कश्मीर के पंपोर शहर से केसर के बल्ब (कॉर्म) मंगवाए. उन्होंने कृत्रिम जलवायु परिस्थितियों वाला एक रूम तैयार किया है, जिसका तापमान 8 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच मेंटेन किया जाता है.
ये भी पढ़ें - घर के अंदर करना चाहते हैं केसर की खेती, इन पांच उपायों को अपनाकर पा सकते हैं बेहतर उपज
अनिल ने बताया कि उन्होंने सितंबर में केसर की खेती शुरू की है. 320 वर्ग फुट का कमरा तैयार करने में उनके लगभग 6 लाख रुपये खर्च हुए और केसर के बल्ब मंगवाने में 7 लाख रुपये अतिरिक्त यानी करीब 13 लाख रुपये खर्च हुए. अनिल का कहना है कि अगले एक से दो साल में केसर के बल्बों की संख्या कई गुना हो जाएगी. इस साल उन्हें लगभग 2 किलोग्राम केसर की उपज मिलने का अनुमान है. अनिल जायसवाल ने बताया कि लोग अब केसर खरीदने के लिए फोन करने लगे हैं. वे इस केसर को ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर बेचने की तैयारी करने में है.
उन्हाेंने बताया कि भारत में केसर करीब 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत 8 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है. इसलिए हम इसे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेचने की प्लानिंग कर रहे हैं. अनिल की पत्नी कल्पना जायसवाल ने बताया कि वह भी केसर की खेती में सक्रिय रूप से शामिल हैं और रोजाना लगभग चार घंटे इस काम में लगाती हैं. (एएनआई)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today