वर्मी कंपोस्‍ट और केंचुए की बिक्री से 10 हजार महीना मुनाफा कमा रहा किसान, महाराष्‍ट्र जाकर ली ट्रेनिंग

वर्मी कंपोस्‍ट और केंचुए की बिक्री से 10 हजार महीना मुनाफा कमा रहा किसान, महाराष्‍ट्र जाकर ली ट्रेनिंग

मध्‍य प्रदेश में किसान सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं. बैतूल के किसान लोकेश गावंडे भी खेती के साथ-साथ वर्मी कंपोस्‍ट और केंचुए बिक्री से अलग से 10 हजार रुपये महीने मुनाफा कमा रहे हैं.

Advertisement
वर्मी कंपोस्‍ट और केंचुए की बिक्री से 10 हजार महीना मुनाफा कमा रहा किसान, महाराष्‍ट्र जाकर ली ट्रेनिंगवर्मी कंपोस्ट

मध्‍य प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभि‍न्न योजनाएं और ट्रेन‍िंग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग किसानों को खेती की नई तकनीकों की ट्रेनिंग देकर खेती को मुनाफे का धंधा बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है. ऐसे ही आत्‍मा योजना के तहत किसानों को ज्‍यादा कृषि उत्‍पादन के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है. आज हम आपको बैतूल के रहने वाले एक किसान की कहानी बताने जा रहे है, जिन्‍हें ट्रेनिंग के बाद वर्मी कंपोस्‍ट और केंचुए की बिक्री से 10 हजार रुपये महीने की कमाई हो रही है. इसके अलावा वह अन्‍य साधनों से भी आय हासिल कर रहे हैं.

महाराष्‍ट्र के अकोला जाकर ली ट्रेनि‍ंंग

आत्‍मा योजना के तहत किसानों को राज्य से बाहर भी ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. बैतूल जिले के किसान लोकेश गावंडे ने कृषि विकास विभाग के सहयोग से महाराष्ट्र के अकोला में उन्नत तरीके से वर्मी कम्पोस्ट बनाने और मार्केटिंग से जुड़ी जरूरी ट्रेनिंग हासिल की. ट्रेनिंग के बाद उन्‍हें अब हर महीने 10 हजार रुपये का मुनाफा हो रहा है. लाेकेश गावंडे ने बताया कि उनके पास ज्‍यादा संख्‍या में पशुधन नहीं है. इस वजह से वह वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए कच्चा माल (गोबर, कचरा) गांव और आसपास के क्षेत्र से खरीदते है और फिर खाद बनाते हैं. 

ये भी पढ़ें - सहफसली खेती से लाखों कमा रहा ये किसान, एक हेक्टेयर में उगाते हैं 4 फसलें

10 क्विंटल खाद से 3 हजार का मुनाफा

वर्मी कम्‍पोस्‍ट बनाने में प्रति ट्राली कच्‍चे माल पर लगभग 2000 रुपये खर्च होते हैं, जिसमें लगभग 10 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनती है.खाद बनाने में कुल खर्च 4000 रुपये का खर्च आता है. लोकेश वर्मी कम्‍पोस्‍ट को 700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेचते हैं, जिससे 7000 रुपये की आय हासिल होती है. इसमें से लागत के 4000 रुपये निकालने पर उन्‍हें 3 हजार रुपये का मुनाफा होता है. लोकेश 7000 रुपये केंचुआ की बिक्री कर कमाते हैं.

ट्रेनिंग से उत्‍पादन बढ़ाने में मिली मदद 

वहीं, मण्डला जिले की सिंघपुर ग्राम पंचायत के किसान उत्तम सिंह परस्ते ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्य में शामिल होने के बाद से गेहूं और धान की अच्‍छी पैदावार हासिल कर रहे हैं. फसलों की उन्नत तकनीकों को अपना कर व‍ह कोदो और सब्जी फसलों की भी अच्‍छी पैदावार हासिल कर रहे हैं. उत्‍तम सिंह ने अपने खेत में सोलर पंप भी लगवाया है और जैविक खेती के लिए केंचुए भी पालते हैं. खेती की लागत घटने से उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है.

POST A COMMENT