पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ना की खेती के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि यूपी के किसान गन्ने की खेती के साथ गुड़ बनाकर मोटी कमाई कर रहे है. आज हम आपको मेरठ के एक ऐसे किसान की कहानी बताने जा रहे है, जो 2017 से गन्ने की खेती 5 एकड़ में कर रहा है. जिससे उससे सालाना 15 लाख से अधिक कमाई हो रही है. यानी आज यह किसान गुड़ बेचकर करोड़पति किसानों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा चुका हैं.
इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में मेरठ के सरधना क्षेत्र के भाभौरी गांव निवासी किसान सुनील कुमार ने बताया कि 2017 से गन्ना की खेती करते आ रहे है. 5 एकड़ मेरी जमीन है, बाकी 15 किसानों को जोड़कर 70 से 75 एकड़ में कुल गन्ने की पैदावार करते हैं. उन्होंने बताया कि हम प्राकृतिक खेती के माध्यम से गन्ना की बंपर पैदावार कर रहे हैं. इसके अलावा गन्ने से कई वैरायटी के ऑर्गेनिक गुड़ भी तैयार कर रहे हैं. जिसकी देश-विदेश में भारी डिमांड है.
प्रगतिशील किसान सुनील बताते हैं कि 5 एकड़ में खुद प्राकृतिक खेती को अपनाकर बेहतर फसल की तरफ बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अपनी फसल से लगभग 27 तरह की गुड़ तैयार करते हैं. जिसमें अदरक, गाजर, चुकंदर, सतावर, हल्दी सहित अन्य फ्लेवर वाली गुड़ की वैरायटी देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इसकी डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक में देखने को मिलती है. गुड़ बनाने वाले किसान सुनील ने आगे बताया कि जो 27 तरह की वैरायटी का गुड़ तैयार किया जाता है, वह सभी ऑर्गेनिक होता है. इसमें किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती है.
उन्होंने बताया कि यहां पर गुड़ खरीदने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश तक के लोग खरीदने के लिए आते हैं. आगे कहा कि गुड़ से सालाना 15 लाख रुपए कमाते हैं. वहीं 30 लोग उनके साथ काम करते हैं और उनके साथ 15 गन्ना किसान भी जुड़े हुए हैं. उनकी अलग इनकम हो रही है. अमेरिका, आस्ट्रेलिया, बहरीन सहित कई देशों से ऑर्डर अभी आया हुआ है. भामौरी के किसान सुनील फौजी के गुड़ की मिठास आस्ट्रेलिया से लेकर यूएसए तक पहुंच गई है.
सरधना के भामौरी गांव के रहने वाले किसान सुनील कुमार फौजी ने 2018 में सेना से वीआरएस लेकर खेती करने की ठान ली. 50 बीघा खेती में गन्ने की खेती करते हुए कोल्हू पर प्राकृतिक विधि से गुड़ बनवाना शुरू किया. दो साल बाद उन्होंने 10 लाख रुपये की लागत से खुद का गुड़ प्लांट लगा लिया. मिठाई की शक्ल में उनका गुड़ और शक्कर अब एनआरआई के माध्यम से यूएसए, आस्ट्रेलिया और स्विटरजलैंड जैसे देशों में पहुंच रहा है.
सुनील ने बताया कि लोगों की पसंद को देखते हुए लौकी, गाजर, आंवला, और मेवे के फ्लेवर वाला गुड़ तैयार किया. इन चारों फ्लेवर वाले गुड़ की सबसे ज्यादा डिमांड है. अब गुड़ के साथ सिरका और अचार भी तैयार कर रहे हैं. वे बताते हैं कि उन्होंने कई किसानों का समूह बना लिया है, वे सभी पुरानी प्रजाति का गन्ना उगाते हैं, जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. कहावत है वक्त के साथ जो नहीं चलता वो पीछे छूट जाता है, जो वक्त के साथ चलते हैं, बुलंदियों को छूते हैं. जिन किसानों ने खुद को वक्त के साथ बदल लिया वह आजकल कृषि में भी नए-नए प्रयोग करके मोटी कमाई के साथ सुनील जैसे किसान आज इलाके में नाम भी कमा रहे हैं.
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