मिलिए गाजियाबाद की इस महिला किसान से, मछलीपालन से कमा रही लाखों का मुनाफा

मिलिए गाजियाबाद की इस महिला किसान से, मछलीपालन से कमा रही लाखों का मुनाफा

गाजियाबाद की महिला किसान मंजू कश्यप ने इंडस्ट्रियल एरिया में तालाब और एकीकृत खेती से मिसाल कायम की है. उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है. मंजू अपने क्षेत्र में खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं.

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मिलिए गाजियाबाद की इस महिला किसान से, मछलीपालन से कमा रही लाखों का मुनाफामंजू कश्यप

गाजियाबाद की महिला किसान मंजू कश्यप ने इंडस्ट्रियल एरिया में तालाब और एकीकृत खेती से मिसाल कायम की है. उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है. मंजू अपने क्षेत्र में खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. अपने काम के जरिए मंजू दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हैं. आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी.

2021 में तालाब की हालत बहुत खराब थी
किसान तक से बातचीत में मंजू कश्यप ने बताया, 'तालाब तो था लेकिन तालाब का नामों निशान नहीं था. उन्होंने करीब आठ-नौ साल कोशिश की और माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश से नगर निगम के तालाब प्राप्त किया. 2021 में तालाब की हालत बहुत खराब थी, लेकिन उन्होंने इसे पांच हिस्सों में बांटकर काम शुरू किया.

मंजू कश्यप
मंजू कश्यप

एकीकृत खेती का मॉडल
मंजू कश्यप ने तालाब के चारों तरफ सब्जियों और फलों की खेती शुरू की. उन्होंने बताया, 'हमने चारों तरफ करीब 200 अमरूद के पेड़ लगाए थे.' इसके अलावा, उन्होंने गोभी, टमाटर, भिंडी, और बेलदार फसलें भी लगाई हैं. जैविक खाद का प्रयोग करते हुए उन्होंने एक शुद्ध और लाभदायक खेती का मॉडल तैयार किया है.

मछली पालन और सिंघाड़ा की खेती
मंजू कश्यप ने मछली पालन के बारे में बताया, 'हमने तालाब में करीब 1,20,000 मछलियों के बच्चे छोड़े हैं और करीब हम डेढ़ लाख रुपए का खाना भी खिलाते हैं.' इसके अलावा, उन्होंने सिंघाड़ा की खेती भी की है, जिससे मछलियों को दो से ढाई महीने का खाना प्राप्त हो जाता है.  उन्होंने पोल्ट्री का भी प्लान बनाया है ताकि पोल्ट्री की बीट्स को फीड के रूप में प्रयोग किया जा सके.

मंजू कश्यप

मंजू कश्यप ने बताया कि उन्हें गाजियाबाद के केवीके से पूरा सहयोग मिला है. अब वह एक प्रशिक्षण केंद्र बनाने की योजना बना रही हैं ताकि अन्य किसानों को भी इस मॉडल के बारे में सिखा सकें. मंजू कश्यप ने बताया, 'मैंने अगर इसमें 2,50,000 लाख रुपए लगाए हैं तो मैंने 5 लाख कमाए भी हैं.' उन्होंने तालाब और खेती के माध्यम से दोगुनी आय प्राप्त की है और अब वह अन्य किसानों को भी इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं.

मंजू कश्यप की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है बल्कि यह भी दिखाती है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है. उनके इस मॉडल को देखकर अन्य किसान भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित होंगे.

 

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